'लालू ने नहीं कहा था लोकपाल विधेयक फाड़ने को'
राजनीति प्रसाद को अपने किए पर पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को भ्रष्टाचार निरोधक पैनल में आरक्षण नहीं दिया जाएगा और प्रधानमंत्री को इसके दायरे से बाहर नहीं रखा जाएगा तब तक वह भविष्य में भी सदन में विधेयक को आगे नहीं बढ़ने देंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह फिर से विधेयक को फाड़ेंगे, उन्होंने कहा मेरा विरोध परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। राज्यसभा में राजद के नेता जाबिर हुसैन ने कहा कि सभी ने राजनीति प्रसाद की कार्रवाई को स्थिति के संदर्भ में देखा।
राजनीति प्रसाद की तरह ही उच्च सदन में उनकी पार्टी के सहयोगियों ने भी उनकी कार्रवाई का समर्थन किया है। उन्होंने कहा केवल राजनीति प्रसाद ही नहीं, बल्कि राजद के सभी प्रतिनिधि इस बात को लेकर नाराज थे कि भ्रष्टाचार निरोधक पैनल में अल्पसंख्यक समुदाय को आरक्षण दिए जाने के बारे में सरकार ने कुछ नहीं कहा। राजनीति प्रसाद अपनी भावनाओं को रोक नहीं सके। करीब एक दशक तक बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष रहे हुसैन ने कहा कि संसदीय इतिहास में यह पहला अवसर नहीं है जब कुछ ऐसा हुआ हो। राजद सदस्य रामकृपाल यादव ने कहा जो कुछ राजनीति प्रसाद ने किया उसका र्कोइ गलत उद्देश्य नहीं था। उन्होंने कहा कि संसद में और विधानसभा में पहले भी ऐसे विरोध हुए हैं।