पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा का स्वागत
सपा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता मायावती सरकार से तंग आ चुकी है और वह नेतृत्व परिवर्तन चाहती है। लखनऊ में सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि हम अभी कोई गठबंधन नहीं करने जा रहे। उत्तर प्रदेश के लोग चाहे वे पिछड़ी जाति से हों या अगड़ी जातियों से उन्हें समाजवादी पार्टी को बहुमत देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरे राज्य में उनकी साइकिल यात्रा ने उनकी पार्टी को केंद्र में ला दिया है और अन्य सभी हमसे हजारों किलोमीटर पीछे हैं।
वहीं भाजपा ने भी घोषणा का स्वागत किया, लेकिन यूपी में खराब शासन के लिए बसपा पर निशाना साधा। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि यूपी में यदि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति यदि बेहतर होती तो चुनाव आयोग ने सात चरण में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा नहीं की होती। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की शनिवार को घोषणा किए जाने पर भाजपा ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के नजदीकी नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों का तबादला किए जाने की चुनाव आयोग से मांग की।
पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हम चुनाव के लिए तैयार हैं। भाजपा चुनाव तिथियों का स्वागत करती है। उत्तर प्रदेश में हम मायावती शासन में कई गुणा बढ़ चुके भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दों पर मतदाताओं के बीच जाएंगे।
कांग्रेस ने भी पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा का यह कहते हुए स्वागत किया कि इन चुनावों से एक बार फिर यह बात सामने आ जाएगी कि वह ही एकमात्र अखिल भारतीय पार्टी है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि कांगे्रस चुनाव के लिए उत्सुक है। देश के हर कोने में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराकर वह एक बार फिर दिखा देगी कि वही एकमात्र अखिल भारतीय पार्टी है। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में चार से 28 फरवरी के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की आज घोषणा की जबकि पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में चुनाव एक चरण में ही कराए जाएंगे।