विदेशी निवेश में आई 50 फीसदी की कमी
इस सितंबर में यह राशि सालाना आधार पर 16.5 प्रतिशत घटकर 1.76 अरब डालर रही। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि हालांकि अप्रैल-अक्तूबर की अवधि में एफडीआई 50.3 प्रतिशत बढ़कर 20.8 अरब डालर हो गया। उन्होंने कहा कि साल के शुरुआती महीनों में एफडीआई प्रवाह काफी अच्छा रहा था। अगस्त महीने में विदेशी निवेश प्रवाह साल दर साल आधार पर दोगुना होकर 2.83 अरब डालर रहा।
मई व जून में तेजी के बाद जुलाई में इसमें नरमी देखने को मिली। अधिकारी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के बावजूद 2011-12 में एफडीआई 35 अरब डालर हो सकता है जो बीते वित्त वर्ष में 19.4 अरब डालर रहा था। इस साल आरआईएल-बीपी तथा पास्को जैसे बड़े सौदे हुए हैं। वर्ष 2010-11 में एफडीआई के जरिये इक्विटी प्रवाह 25 प्रतिशत घटकर 19.43 अरब डालर रहा जो 2009-10 में 25.6 अरब डालर था। 2008-09 में यह राशि 27.3 अरब डालर थी। विशेषग्यों का कहना है कि अमेरिका तथा यूरोप में अनिश्चित आर्थिक हालात भारत में एफडीआई में गिरावट की बड़ा कारण है।