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जानिए इटावा का राजनैतिक इतिहास

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Etawah
इटावा। यमुना नदी के किनारे बसा इटावा शहर यूपी के पुराने शहरों में से एक है। पौराणकि कथाओं में कृष्ण की नगरी कही जाने वाली यह नगरी चर्चित तो बहुत रही लेकिन विकसित नहीं हो पायी। इटावा में आज भी चार बड़ी परियोजनाएं हैं जिन पर अभी तक पंद्रह अरब की भारी भरकम धनराशि खर्च हुई है, लेकिन सियासतदारों के चलते आज भी अस्तित्व में नहीं आ पायी है।

12 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय सैंफई स्टेडियम आज बिना बनें ही बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। सपा का गढ़ होने के बावजूद इस शहर को वो ऊंचाइयां नहीं मिली जो मिलनी चाहिए थी। आपको बता दें कि यूपी के तीन बार सीएम और देश के दो बार रक्षा मंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव का जन्म इस जिले के गांव सैफई में हुआ था। इसलिए यह धरती सपा सुप्रीमो की जन्मस्थली के साथ कर्मस्थली भी है।

प्रदेश की सत्ता पर काबिज होकर मुलायम सिंह ने यहां कायाकल्प करने की कोशिश तो बहुत की। काफी हद तक वो कामयाब भी रहे, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है यहां हर साल होने वाला सैफई महोत्सव। लेकिन दूसरी राजनैतिक पार्टियों के दोहन के चलते यह शहर विकास के रास्ते पर रूक गया है। डेरी उद्योग के रूप यह शहर काफी विकसीत हो सकता था लेकिन उसे भी सही मार्गदर्शन नहीं मिला है। जिसके चलते यह शहर काफी लोकप्रिय होने के बावजूद उपेक्षित और निराश है।

English summary
Etawah is a city on the Yamuna River in the state of Uttar Pradesh in India. It is the administrative headquarters of Etawah District.
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