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घूंघट की आड़ में ड्रग्‍स की तस्करी

By रविंद्र सिंह
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Women involve in drugs smuggling in Haryana, Punjab, Rajasthan
सिरसा। पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान की सीमा पर बसा सिरसा का उपमंडल डबवाली शहर आसपास के ग्रामीण इलाकों में नशे के व्यापारियों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। विडंबना यह है कि यहां तस्करी के लिए पुरूष नहीं महिलाएं ज्यादा काम कर रही हैं। त्रिवेणी के नाम से विख्यात डबवाली शहर का कुछ भाग पंजाब राज्य के जिला मुक्तसर तथा जिला बठिण्डा के अधीन आता है और यही कारण है कि नशे का कारोबार करने वाले बिना किसी हिचकचाहट के अपना कार्य कर रहे है।

पंजाब प्रदेश के मालवा क्षेत्र के ज्यादातर नशेड़ी राजस्थान से अफीम, भुक्की व पोस्त की तस्करी करने वालो पर निर्भर है। नशे का व्यापार करने वाला मालवा क्षेत्र की महिलाएं भी अपने परिजनों के लिए राजस्थान से अफीम, भुक्की व पोस्त इत्यादि डबवाली के रास्ते से आने लगी है, क्योंकि मालवा क्षेत्र में इनके दाम न सिर्फ ज्यादा है, बल्कि डिमांड भी काफी है। यहीं महिलाएं धीरे-धीरे ड्रग्‍स के सौदागरों की गिरफ्त में आकर धंधा करने लगी है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

हर वर्ग की महिलाएं हैं नशे के कारोबार में शामिल

नशे के कारोबार में कुछ संभ्रात परिवारों को महिलाएं भी लगी हैं जोकि गरीब व मजबूर महिलाओं को बहला-फुसला कर इस धंधे को अपनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही है। उत्तरी भारत के मानचित्र को यदि नशे व्यापार की दृष्टि से देखें, तो पंजाब का मालवा क्षेत्र पहले नंबर पर आएगा, जहां 80 प्रतिशत तक लोग नशा करते है, जिनमें महिलाओं की प्रभावी भागीदारी है।

कुछ समय पूर्व राजस्थानी महिलाएं भी इस क्षेत्र में नशे का व्यापार करती थी, मगर अब स्थिति में बदलाव आ गया है। इस क्षेत्र की महिलाएं सीधे नशे मंगवाती है और फिर महिलाओं के माध्यम से होम डिलवरी करती है।

पुरूषों का मिलता है खुला संरक्षण

महिलाओं को नशे व्यापार में पुरूषों का खुला संरक्षण है। ऐसी ही एक महिला ने नाम न छापने की शर्त बताया कि मालवा क्षेत्र के अधिकतर ग्रामों में महिलाएं यह व्यवसाय करती है और उनके पुरूष नशा कर चौपालों पर ताश इत्यादि खेलते है। इस नशे व्यापार से संबंधित एक तस्कर के अनुसार बिना पुलिसिया सांठगांठ यह कारोबार नहीं चल सकता।

जिला मुक्तसर तथा बठिण्डा में सीमावर्ती थानों का प्रभारी बनने के लिए बकायदा नीलामी होती है-या फिर भारी भरकम राजनीतिक दवाब का सहारा लिया जाता है। चुल्हा-चौंका, रसोई से दूर हो रहा मालवा क्षेत्र की ज्यादातर महिलाएं एक दूसरे से आर्थिक स्थिति में बदलाव को देखते हुए इस व्यवसाय से जुड़ रहे है। नश के सौदागरों ने ने अपने नैटवर्क में महिलाओं की इस कद्र भागीदारी बना दी है कि दोनो एक दूसरे का होकर रह गए है। कुछ तस्कर तस्करी में सहायक रंगीन मिजाज पुलिसिया तंत्र को औरतों तक की सप्लाई देते है। ऐसी महिलाएं पुलिसिया तंत्र से संबंध बनाकर धड़ल्ले से नशे की तस्करी करती है।

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English summary
Hundreds of women are being involved in drugs supply in Haryana, Punjab and Rajasthan. There is a big racket running behind this.
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