एसी फटा, बच्ची ने सूझबूझ से बचाई भाई की जान
गुड़गांव की एक कंपनी में कार्यरत साफ्टवेयर इंजीनियर कार्यरत प्रदीप भारद्वाज सपरिवार डाबड़ी एक्सटेंशन में रहता है। रात में उनका पांच वर्षीय बेटा हर्ष और आठ साल की बेटी खुशी घर में टेलीविजन देख रहे थे। पड़ोस में ही उनके बड़े भाई विजय भारद्वाज रहते हैं। रात करीब पौने आठ बजे पूनम ने दोनों बच्चों को घर के कमरे में छोड़ा और घर का दरवाजा बाहर से बंद कर जेठानी के घर चली गई।
खुशी ने देखा कि एसी में शार्ट सर्किट हो गया है और धुआं निकल रहा है। खुशी तुरंत हर्ष को लेकर सटे हुए कमरे में भाग गई। दोनों कमरे में पलंग के नीचे लेट गए। इसी दौरान एसी के कंपेशर में अचानक धमाका हुआ और कमरे में आग लग गई। खुशी ने जोर जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया और मां को बुलाने लगी। इसी दौरान उसके ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले किराएदार शोर सुनकर बाहर निकले और कमरे से धुआं निकलता देखा तो खुशी के ताऊ विजय भारद्वाज को खबर दी।
विजय भारद्वाज ने खुशी की मां पूनम से चाबी लेकर घर का दरवाजा खोला। उन्होंने कहा कि आग इतनी भयंकर थी कि दरवाजा खोलते ही आग का गोला बाहर आया। कमरे में धुआं भरा गया था। कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। पूरा परिवार बच्चों की चिंता में डूब गया। खुशी और हर्ष कहीं नजर नहीं आ रहे थे। किसी तरह दोनों बच्चों को पलंग के नीचे ढूंढ लिया गया, लेकिन दोनों अर्ध बेहोशी में थे।
काफी देर बाद बच्चों को होश आया। बच्चे डर से कांप रहे थे। सूचना मिलते ही फायर की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंच गई और आग बुझाने लगी। इसी दौरान बच्चों की मां भी वहां पहुंच गई और ताला खोला। फायरकर्मी किसी तरह अंदर प्रवेश कर दूसरे कमरे से बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। फायर कर्मियों ने 15 मिनट में आग पर काबू पा लिया।