काहिरा में खूनी संघर्ष में 5 मरे, 800 घायल (लीड-2)
काहिरा में पिछले 12 घंटों से भी अधिक समय से चल रहे इस संघर्ष ने बाद में खतरनाक रूप ले लिया। प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं। घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए घटनास्थल पर एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं है। एक अस्थायी स्वास्थ्य चिकित्सालय में उनका इलाज किया जा रहा है।
मिस्र में पिछले करीब 30 वर्षो से शासन कर रहे मुबारक ने कहा है कि वह अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद सितम्बर में पद छोड़ देंगे जबकि प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग उन्हें अपने पद से हटने की है।
राष्ट्रपति ने हालांकि तुरंत अपना पद छोड़ने से इंकार किया है। मुबारक के इस रुख पर लाखों लोगों ने उन्हें हटाए जाने के लिए अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है। इस क्रम में उन्होंने मंगलवार को 'मार्च ऑफ ए मिलियन' रैली निकाली गई जिसमें 10 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
सरकारी टेलीविजन 'नील टीवी' ने मिस्र के स्वास्थ्य मंत्री अहमद सामीह फरीद के हवाले से बताया कि प्रदर्शन के दौरान घायलों की संख्या 829 पहुंच गई है, इनमें 200 लोग गुरुवार सुबह के प्रदर्शन में घायल हुए।
एक सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी सलमा इल्तारजी ने समाचार चैनल 'अल जजीरा' को बताया कि प्रदर्शन में बहुत सारे लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया, "घटना स्थल पर एम्बुलेंस नहीं हैं और घायल डिटॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं। हस सभी लोग काफी डरे हुए हैं।"
समाचार चैनल ने एक नर्स आइशा हुसैन के हवाले से बताया, "कई तरह के घायल यहां पहुंचे हैं। उन्हें सभी तरह की चोटें लगी हैं। एक लड़के के चेहरे पर दो टांके लगाने पड़े। कुछ लोगों की हड्डियां टूट गई हैं।"
प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया कि सरकार विरोधी प्रदर्शन में कुछ लोग गोलीबारी में घायल हो गए और बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया।
तहरीर चौक पर प्रदर्शन करने वाली मोना सेफ ने कहा, "हम यहां खड़े नहीं रह सकते क्योंकि प्रत्येक 15 मिनट में हमारे साथियों को गोली लग रही है जबकि सेना मूक दर्शक बनी हुई है।"
एक युवा कार्यकर्ता सलमा ने कहा कि वह चौक से तब तक नहीं जाएगी जब तक कि मुबारक और उनका पूरी सरकार इस्तीफा नहीं दे देती।
उन्होंने कहा, "निहत्थे नागरिकों पर सशस्त्र लोगों द्वारा हमला कराए जाने के लिए मुबारक पर एक युद्ध अपराध का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।"
ज्ञात हो कि बुधवार को मुबारक समर्थक लोग घोड़ों और ऊंटों पर सवार होकर प्रदर्शनकारियों के बीच घुस गए और उन्होंने लाठियों से हमला शुरू कर दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों और मुबारक समर्थकों के बीच झड़पें शुरू हो हुईं।
मुबारक का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पहले पीछे हटे लेकिन बाद में उन्होंने मुकाबला किया और कई घुड़सवारों को जमीन पर गिरा दिया। घुड़सवार बुरी तरह घायल हुए।
हमलों के बावजूद मुबारक के विरोध में लोगों का प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को प्रदर्शन का 10वां दिन है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अभी गोलियों से जिन दो लोगों की मौत हुई है वे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी थे। बुधवार को मारे गए लोगों में एक सैनिक भी शामिल था।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद अल बरदई ने मुबारक पर लोगों को भयभीत करने के लिए चालें चलने का आरोप लगाया।
नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा, "मैं काफी चिंतित हूं। निहत्थे लोगों पर बल का प्रयोग करने वाले एक आपराधिक शासन का यह एक और दूसरा लक्षण है।"
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के लंबे अर्से से सहयोगी मुबारक से राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को कहा कि मिस्र में व्यवस्थित रूप से सत्ता का परिवर्तन की 'शुरुआत अब अवश्य होनी चाहिए।' मिस्र ने हालांकि सत्ता के हस्तांतरण की अंतर्राष्ट्रीय अपील को ठुकरा दिया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।