क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

2जी स्पेक्ट्रम मामला : आखिरकार गिरफ्तार हुए राजा

By Ians English
Google Oneindia News

नई दिल्ली। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कथित तौर पर अनियमितता बरतने के आरोपों से घिरे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता ए. राजा को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके साथ उनके दो पूर्व सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया।

राजा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने कहा कि इससे डीएमके के साथ उसके रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा वहीं सभी विपक्षी दलों ने एक सुर में कहा कि राजा की गिरफ्तारी से संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इस मामले की जांच कराने की उनकी मांग जायज साबित हुई है।
जांच एजेंसी ने राजा के जिन दो पूर्व सहयोगियों को गिरफ्तार किया वे दूरसंचार मंत्रालय के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा और उनके पूर्व निजी सचिव आर.के. चंदोलिया हैं।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार शाम राजा और उनके सहयोगियों चंदोलिया और बेहुरा को गिरफ्तार किए जाने की औपचारिक घोषणा की।सीबीआई के उप महानिरीक्षक अनुराग ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "सीबीआई ने आज राजा, उनके पूर्व सहयोगी व निजी सचिव आर. के. चंदोलिया और पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा को गिरफ्तार किया है।


निर्धारित दिशा-निर्देशों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर कुछ कम्पनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन किए जाने के मामले की अब तक हुई जांच से जुड़े तथ्यों के आधार पर इनकी गिरफ्तारी हुई है।"सीबीआई ने इससे पहले राजा से आज सुबह सप्ताह में दूसरी बार पूछताछ की। राजा सीबीआई के सवालों का जवाब देने के लिए बुधवार सुबह सीबीआई मुख्यालय पहुंचे थे।

राजा को गिरफ्तार किए जाने के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि इस गिरफ्तारी से डीएमके और कांग्रेस के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "इस मामले की उचित तरीके से जांच-पड़ताल की जाएगी। कानून अपना काम कर रहा है और हम उसके रास्ते में कभी नहीं आएंगे। इससे डीएमके संग रिश्तों पर असर नहीं पड़ेगा।"

डीएमके कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का घटक दल है।राजा की गिरफ्तारी के बावजूद विपक्षी दलों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने स्पष्ट किया कि वे इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करवाने की मांग पर कायम हैं।

इन दलों ने एक सुर में कहा कि इस गिरफ्तारी से उनकी जेपीसी की मांग जायज साबित हुई और भविष्य में इस मांग को जारी रखने में उन्हें मजबूती मिलेगी।

भाजपा ने कहा है कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर जेपीसी की उसकी मांग अभी तक बरकरार है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "मंत्री द्वारा अपने चहेतों को और बाजार से कम कीमत पर स्पेक्ट्रम आवंटन 2007-08 में हुआ। अब हम 2011 में प्रवेश कर चुके हैं और दो साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है।..मीडिया और विपक्ष द्वारा यह मसला उठाने के बावजूद इस सरकार ने कुछ नहीं किया। पूरे समय प्रधानमंत्री इस बारे में इंकार क्यों करते रहे?"

उन्होंने कहा कि सरकार ने दो-तीन साल तक इस घोटाले पर पर्दा डाले रखा और अभी पखवाड़ा भर पहले राजा के उत्तराधिकारी (मौजूदा केंद्रीय दूरसंचार मंत्री) कपिल सिब्बल ने यह दावा किया कि कोई नुकसान हुआ ही नहीं।

जेटली ने कहा, "इस सरकार के किसी भी कदम से भरोसा नहीं पैदा होगा। विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं है और हम 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर जेपीसी की मांग पर कायम रहेंगे।"उन्होंने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कई प्रश्नों का जवाब मिलना बाकी है।
एआईएडीएमके की महासचिव जे. जयललिता ने राजा की गिरफ्तारी को आधा-अधूरा कदम करार देते हुए कहा कि इससे कई सवाल अनुत्तरित रह गए।

जयललिता ने समाचार चैनल टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा, "गिरफ्तारी से जवाब कम मिलते हैं और सवाल अधिक उठते हैं। बहुत सवाल अनुत्तरित रह गए। यह गिरफ्तारी पर्याप्त नहीं है और यह बहुत देर से हुई है वह भी तीन साल की देरी से।"

माकपा ने तो राजा की गिरफ्तारी पर ही सवाल उठाए। माकपा के वरिष्ठ नेता सीतराम येचुरी ने कहा कि वर्तमान दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल का वह बयान यदि सही था जिसमें उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कोई गड़बड़ी न होने की बात कही थी, तो फिर राजा को सीबीआई ने क्यों गिरफ्तार किया।

येचुरी ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, "यदि सिब्बल सही थे तो यह गिरफ्तारी क्यों।"उन्होंने कहा, "इससे हमारी स्थिति स्पष्ट होती है कि इस घोटाले के पीछे जबरदस्त बेईमानी की मंशा है। बड़ा मुद्दा यह है कि इतने व्यापक पैमाने पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कैसे हुआ।"

उन्होंने कहा कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की उनकी पार्टी की मांग पुष्ट होती है।राजा की गिरफ्तारी पर जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं कह सकता हूं कि यह अंत की शुरुआत है।"
स्वामी ने 2जी आवंटन मसले पर याचिका दाखिल कर राजा को आरोपी बनाया था जिसे अब 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला कहा जाता है। इस मसले पर सर्वोच्च न्यायालय में अगली सुनवाई अगले सप्ताह होगी।

सर्वोच्च न्यायालय स्वयं इस मामले की जांच की निगरानी कर रहा है, जिसकी जांच कई एजेंसियां कर रही हैं। न्यायालय ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से 10 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।उल्लेखनीय है कि 2जी आवंटन में घोटाले का विवाद उठने के बाद राजा ने पिछले साल 14 नवम्बर को इस्तीफा दिया था। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी रिपोर्ट में स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में राजा की कथित भूमिका की ओर संकेत किया था और कहा था इसकी वजह से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।

वर्ष 2008 में कुछ नई कम्पनियों को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन किया गया था जिसमें कथित रूप से निर्धारित प्रक्रिया और मानदंडों की अनदेखी की बात कही गई थी। राजा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर बाजार दर से कम कीमत पर स्पेक्ट्रम का आवंटन किया। इस मसले पर विपक्ष की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग के मुद्दे पर संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था और कोई कामकाज नहीं हो पाया था।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X