प्रसन्न रहें, कष्ट होंगे दूर
नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। समर्थ गुरु रामदास ने कहा है कि मन की प्रसन्नता से समस्त मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए आप भी अपने मन को सदा प्रसन्न रखने का प्रयास करें।
* अपने आपसे प्रेम करें और स्वयं को महत्वपूर्ण समझें। आईने में अपने को देखकर मुस्कुराएं और खुद को पसंद करें।
* दूसरे से अपेक्षा न करें कि कोई आपके कार्य की तारीफ करे। ज्यादा अपेक्षाएं रखने से आपको दु:ख के सिवाय कुछ हासिल नहीं होगा।
* खुद को सराहें और अपने कार्य को मन ही मन सराहना सीखें। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा।
* विनम्र बनें, सदैव सौम्य व शांत हो वार्ता करें। उच्च स्वर या कटु शब्दों का प्रयोग न करें।
* निजी खुशी जरूरी है, इसलिए जब भी समय मिले दिनभर में एक बार अवश्य वह कार्य करें जिसे करना आपको सबसे अच्छा लगता हो।
* अपने साथियों व बॉस की कमियां न निकालें, बल्कि अपनी कमियों की तलाश कर उन्हें दूर करने की कोशिश करें।
* क्रोध को नियंत्रित करना सीखें। जब ज्यादा गुस्सा आए तो तुरंत उस माहौल से दूर होकर किसी अन्य काम में लग जाएं।
* सकारात्मक सोच के महत्व को समझें। जो कुछ सोचें उसे सकारात्मक रूप में लें। कोई काम अगर पूरा नहीं होता या बात नहीं बनती तो उदास न हों। नकारात्मक विचार मन में न लाएं।
* अपनी पसंद को महत्वपूर्ण मानें, अपने पहनावे, कपड़ों के रंग, ये सब दूसरों की इच्छा से नहीं, बल्कि अपनी इच्छा से पसंद करें। दूसरों को यह बताने का मौका न दें कि आप पर क्या अच्छा लगता है।
* खुद का सम्मान करें और खुद को महत्वपूर्ण मानें।
* दूसरों के साथ वही व्यवहार करें जो आप अपने लिए चाहते हैं। फिर देखिए, उसका परिणाम कितना अच्छा होता है।
बिना किसी सत्संग के, आध्यात्मिक किताबें पढ़े बगैर ही आप अपने मन में शांति अनुभव करेंगे। यह मानसिक शांति आपको रोज आत्मविश्वास और ऊर्जा से भर देगी और आप अपने घर, बाहर, ऑफिस सभी जगह एक मोहक व्यक्तित्व की महक बिखेर सकेंगे।
मन अशांत रहेगा तो घर पर आकर भी आप अपने परिवार के करीब नहीं हो पाएंगे। जब घर पहुंचें तो ऑफिस के तनावों को लेकर नहीं और जब ऑफिस पहुंचे तो घर की चिंताओं को लेकर नहीं। कहने का तात्पर्य यह है कि जहां रहें, वहीं पर ध्यान केंद्रित करें। भूतकाल की समस्याओं को भविष्य की आशंका न समझें। वर्तमान को संवारें, निखारें और सजाएं। फिर तो सफलता आपके कदम चूमेगी।
(लेखक उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हैं। डायमंड पाकेट बुक्स प्रा.लि., नई दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक 'सफलता के अचूक मंत्र' से साभार)
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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