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पहली तिमाही में देश की विकास दर 8.8 प्रतिशत रही (लीड-1)

By Staff
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नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। देश की अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 8.8 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई है। ऐसा घरेलू मांग बढ़ने से निर्माण गतिविधियों में बढ़ोतरी के चलते हुई।

पिछले साल की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर छह प्रतिशत दर्ज की गई थी। इस साल की जनवरी-मार्च तिमाही में विकास दर 8.6 प्रतिशत रही थी।

केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 12.4 प्रतिशत, व्यापार, होटल, परिवहन और संचार गतिविधियों की वृद्धि दर 12.2 प्रतिशत और खनन एवं उत्खनन क्षेत्र की विकास दर 8.9 प्रतिशत रही।

इस दौरान कृषि, वानिकी और मछली पालन क्षेत्र की विकास दर 2.8 प्रतिशत दर्ज की गई है।

अप्रैल-जून तिमाही में निजी क्षेत्र में 9,96,630 करोड़ रुपये की खपत का अनुमान लगाया गया है जो कि 2009-10 की पहली तिमाही में 7,88,013 करोड़ रुपये रही थी।

डिलायट इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री शांतो घोष ने कहा, "पिछले साल के उच्च आधार और रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के चलते अगली कुछ तिमाहियों में विकास दर कमजोर पड़ सकती है।"

पहली तिमाही में थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति सूचकांक में पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस दौरान खाद्य पदार्थो की कीमतों में 16.6 प्रतिशत, निर्माण उत्पादों की कीमतों में 7.1 प्रतिशत और बिजली की कीमतों में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उच्च महंगाई दर के चलते वर्ष 2010 में भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रमुख ब्याज दरों में चार बार वृद्धि की है।

सरकार का अनुमान है कि वर्ष 2010-11 में देश की विकास दर 8.5 प्रतिशत रहेगी। पिछले साल विकास दर 7.4 प्रतिशत दर्ज की गई थी।

एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) की अध्यक्ष स्वाति पीरामल ने कहा, "पहली तिमाही में 8.8 प्रतिशत की विकास दर उम्मीद के अनुरूप है लेकिन हाल के दिनों में निर्माण क्षेत्र में कमजोरी दर्ज होने से दबाव बढ़ रहा है।"

घोष ने कहा, "निर्यात क्षेत्र में मंदी से स्पष्ट है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार काफी धीमा है इससे घरेलू बाजार में भी विकास की गति पर असर पड़ सकता है।"

देश के वाणिज्यिक उत्पादों के निर्यात में जुलाई में 13.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है जो कि पिछले छह महीनों की सबसे धीमी दर है।

विकास दर के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए उद्योग संगठनों ने कहा कि विकास दर के इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि वर्ष 2010-11 में नौ प्रतिशत की विकास दर हासिल हो सकती है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज (फिक्की) के अध्यक्ष रंजन भारती मित्तल ने कहा, "जीडीपी के इन आंकड़ों को देखते हुए हम उम्मीद करते हैं कि इस साल विकास दर 9 प्रतिशत के करीब रहेगी।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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