यूपी के अलीगढ़ में जारी रहेगा किसान आंदोलन
अलीगढ़/लखनऊ। नोएडा और आगरा के बीच बनने वाले यमुना एक्सप्रेस वे को लेकर पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने अपने नेताओं की रिहाई और मुआवजा बढ़ाए जाने के ऐलान के बावजूद आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। किसानों ने कहा है कि मुआवजे के संदर्भ में राज्य सरकार का फैसला एकतरफा है।
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सरकार
ने
सोमवार
देर
रात
मारे
गए
किसानों
के
परिजनों
को
10-10
लाख
रुपये
और
घायल
किसानों
के
परिजनों
को
दो-दो
लाख
रुपये
के
मुआवजे
का
ऐलान
किया।
इसके
साथ
ही
किसान
नेता
रामबाबू
कथीरिया
और
कुछ
अन्य
नेताओं
को
रिहा
कर
दिया
गया।
सरकार
ने
जमीन
के
अधिग्रहण
के
लिए
भी
मुआवजा
बढ़ाने
का
फैसला
किया
है।
कथीरिया के भाई श्याम बाबू ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि उनके भाई के साथ पुलिस ने मारपीट की है। उन्होंने कहा कि मुआवजे के संदर्भ में सरकार का फैसला एकतरफा है और ऐसे में आंदोलन जारी रहेगा। उधर, सोमवार को महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में किसान अलीगढ़ के टप्पल गांव में एकत्र हुए।
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह पंचायत में हिस्सा लेने के लिए मौके पर पहुंचे। किसानों ने मुख्यमंत्री मायावती के पुतलों को लाठी-डंडों से पीटकर राज्य सरकार के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया। गौरतलब है कि अलीगढ़ में शनिवार देर रात किसानों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में एक पुलिसकर्मी सहित दो लोगों की मौत हो गई थी और 10 से अधिक लोग घायल हो गए थे।