नेपाली सांसद का भारतीय अधिकारियों से खतरे का दावा
काठमांडू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। माओवादी पार्टी का समर्थन करने के लिए नेपाल की तराई की एक जातीय पार्टी का साथ छोड़ने वाले एक सांसद ने भारतीय अधिकारियों पर अपहरण और बुरा परिणाम भुगतने की धमकी देने का आरोप लगाकर एक नया विवाद पैदा कर दिया है।
काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।
तराई मधेशी लोकतांत्रिक पार्टी के राम कुमार शर्मा ने प्रधानमंत्री पद के चुनाव में माओवादी पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' को वोट देने के लिए अन्य सांसदों को भी प्रेरित किया।
प्रधानमंत्री पद के चुनाव में तटस्थ रहने के पार्टी आदेश का उल्लंघन करने के कारण कार्रवाई का सामना कर रहे शर्मा अब ताजा राजनीतिक विवाद के केंद्र में है।
नेपाल में शुक्रवार को प्रधानमंत्री पद के चुनाव के चौथे दौर के मतदान में भी किसी को बहुमत नहीं मिलने के बाद शर्मा ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि उसे भारतीय दूतावास के एक कर्मचारी ने धमकी दी है। सांसद ने उसका नाम केवल दास बताया।
नेपाल के एक निजी टेलीविजन चैनल ने शुक्रवार को शर्मा का एक घंटे लंबा साक्षात्कार प्रसारित किया और शनिवार को उसके आरोपों को नेपाल के सभी बड़े दैनिकों ने प्रकाशित किया।
सांसद के अनुसार भारतीय अधिकारी उस पर माओवादी पार्टी का साथ छोड़ने के लिए दबाव बना रहे हैं।
उसने कहा कि शुरू में भारतीय दूतावास द्वारा काठमांडू में संचालित केंद्रीय विद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने फोन कर उनसे कहा कि काफी अधिक छात्रों के होने के कारण कक्षा 11 में भर्ती उनकी बेटी चंद्रा को स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
सांसद ने स्कूल पर बरसते हुए कहा कि उनकी बेटी को दया के आधार पर प्रवेश नहीं मिला है। उन्होंने उसके लिए 52,000 नेपाली रुपयों का भुगतान किया है। यदि कोई सीट नहीं थी तो उसे प्रवेश क्यों दिया गया।
शर्मा ने इसके बाद एक व्यक्ति ने खुद को भारतीय दूतावास का कर्मचारी बताते हुए बुरे परिणाम की धमकी दी। उसने यहां तक दावा किया कि भारतीय राजदूत राकेश सूद ने भी उसे राजनयिक भाषा में माओवादी पार्टी का साथ छोड़ने की सलाह दी।
भारतीय दूतावास ने इन आरोपों का खंडन किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।