खराब मौसम में लेह पहुंचा आईएल-76 (लीड-1)
रक्षा प्रवक्ता पवितार सिंह ने आईएएनएस से कहा, "भारतीय वायुसेना का आईएल-76 विमान लेह पहुंच गया है। इससे पहले भेजा गया विमान यहां खराब हालात के कारण उतर नहीं पाया था इसलिए वापस बुला लिया गया था। हमने खाद्य सामग्री के पैकेट, दवाइयां, कपड़े और कम्बल भेजे हैं।"
सिंह ने कहा, "राहत कार्य जारी है और भारतीय सेना के अधिकारी दिन रात काम कर रहे हैं। घायलों को चण्डीगढ़ लाने की योजना की हमें कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन हम पूरी तरह से तैयार हैं।"
अब तक 115 शव बरामद किए जा चुके हैं और घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। शुक्रवार तड़के बादल फटने की घटना के बाद से सेना के 25 जवानों सहित करीब 100 लोग अब भी लापता हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौसम ठीक होते ही राहत और बचाव कार्य फिर शुरू किया जाएगा।
शुक्रवार को लेह का दौरा करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीड़ितों को राहत के लिए तत्काल पांच करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की। लेह हवाईअड्डे के रनवे से उड़ानों को फिर शुरू किए जाने के बाद उमर वहां पहुंचे थे। रनवे पर बाढ़ का पानी और कीचड़ जमा हो गया था।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राज्यपाल एन.एन.वोहरा ने लेह कस्बे में बादल फटने के कारण मारे गए लोगों के प्रति शोक प्रकट किया। पुलिस ने करीब 2,000 प्रभावित लोगों के लिए लेह कस्बे और चोगलमसार गांव में रहने की व्यवस्था की है।
बचाव और राहत कार्य में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सेना के करीब 6,000 जवान तैनात किए गए हैं। प्रभावित इलाकों में सेना के हेलीकॉप्टरों के जरिए खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद चिकित्सकीय दल के साथ शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर में लेह क्षेत्र के दौरे पर जाएंगे। अभी तक की सूचनाओं के अनुसार खराब मौसम के कारण आजाद के लेह पहुंचने में विलंब होगा।
बाढ़ से एक पॉलीटेक्निक कॉलेज, भारत संचार निगम लिमिटेड का मुख्यालय, ऑल इंडिया रेडियो केंद्र और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के शिविर सहित कई सरकारी कार्यालय और इमारतें भी क्षतिग्रस्त हुईं हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।