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आंध्र में लैला कमजोर, उड़ीसा की ओर बढ़ा (राउंडअप)

By Staff
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कई गांव जलमग्न हो गए और आधारभूत ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा। तूफान अब पड़ोसी राज्य उड़ीसा की ओर बढ़ रहा है।

तूफान की वजह से आंध्र प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में मोबाइल संपर्क टूट गया, रेलगाड़ियां स्थगित करनी पड़ीं और विद्युत व संचार प्रणाली ध्वस्त हो गई।

चक्रवाती तूफान की वजह से हुई कुल 14 मौतों में चार मौतें गुरुवार को हुईं। इनमें से तीन मौतें नेल्लोर में, एक व्यक्ति की मौत कृष्णा जिले में हुई।

पिछले तीन दिनों से बंगाल की खाड़ी में निरंतर अपनी दिशा बदलने के बाद चक्रवाती तूफान गुरुवार दोपहर दक्षिणी गुंटूर जिले के शहर बापटाला से करीब 50 किलोमीटर दूरी से आंध्र प्रदेश को पार कर गया।

तट तक पहुंचने के बाद चक्रवात फिर से उबरकर उत्तरी बंगाल की खाड़ी में फिर से उठा और उड़ीसा के बालासोर की ओर बढ़ गया। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लैला का स्वभाव असामान्य नहीं है क्योंकि पहले के चक्रवात भी तट तक पहुंचने के बाद दोबारा उठते रहे हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "तटीय आंध्र में चक्रवात की वजह से पहुंचे नुकसान का अभी जायजा लिया जा रहा है।" हालांकि ज्यादा नुकसान के आसार नहीं हैं क्योंकि तट तक पहुंचने से पहले ही वह कमजोर पड़ने के संकेत दे चुका था।"

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ए.के. त्यागी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया, "लैला की तीव्रता पिछले 12 घंटों में घटी है और अगले कुछ घंटों में इसके और कमजोर पड़ने के आसार हैं। लेकिन इसकी वजह से तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अगले 36 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश होती रहेगी।"

मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश के रायलसीमा और तेलंगाना क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।

जबरदस्त बारिश ने बुधवार को दक्षिणी तटीय क्षेत्र में काफी तबाही मचाई। इसकी वजह से पेड़ उखड़ गए, बिजली और संचार प्रणालियों को नुकसान पहुंचा तथा फसलें चौपट हो गईं।

पिछले 24 घंटों में प्रकाशम जिले में 34 सेंटीमीटर बारिश हुई जिससे रेल एवं सड़क यातायात बाधित होने से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

प्रचंड हवाओं के साथ हो रही मूसलाधार बारिश ने छह तटीय जिलों में कहर बरपाया है। तेज हवाओं की वजह से बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर और संचार टॉवरों के उखड़ने की वजह से यहां के 11 शहर और 1500 गांव अंधेरे में डूब गए।

कृष्णा जिले के तटीय शहर मछलीपट्टनम के बड़े हिस्से में मूसलाधार बारिश के कारण पानी भर गया है। प्रकाशम जिले के ओंगोले शहर के बड़े हिस्से और गुंटूर जिले के बापटाला में पानी भर गया है।

बस अड्डों, दुकानों और अस्पतालों में एक से दो फुट पानी भर गया है। दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात चरमरा गया है।

चक्रवाती तूफान की वजह से तटीय जिलों में सैंकड़ों एकड़ तक के क्षेत्र में आम, केला और बागानों में लगने वाले फसलें नष्ट हो गई हैं।

प्रशासन ने गुंटूर, कृष्णा, पश्चिमी और पूर्वी गोदावरी जिलों के 777 गांवों के लोगों को तूफान के मद्देनजर सतर्क किया है।

इसके अलावा 50,000 से ज्यादा लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है जबकि हजारों अन्य स्वयं सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के 500 से ज्यादा कर्मियों को नौकाओं और राहत के अन्य साजोसामान के साथ मुस्तैद हैं। इसके अलावा चार हेलीकॉप्टर तैयार रखे गए हैं। जबकि राज्य सरकार ने नौसेना से भी मदद मांगी है।

राज्य सरकार ने कृष्णा, पश्चिम गोदावरी और पूर्व गोदावरी जिलों में सेना के 100 जवान तैनात करने का अनुरोध भी किया है।

राज्य के मुख्यमंत्री के. रोसैया ने हैदराबाद में संवाददाताओं को बताया कि प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों के लिए नौ हेलीकॉप्टर तैयार रखे गए हैं।

उन्होंने बताया, "जान-माल के नुकसान को कम करने के लिए हमने सभी ऐहतियाती उपाय किए हैं। सरकारी मशीनरी किसी भी अप्रिय घटना से निपटने को तैयार है।"

लैला के कारण तटीय आंध्र प्रदेश में रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। रेलवे ने 35 यात्री रेलगाड़ियों को रद्द करने के साथ ही कुछ के मार्गो में बदलाव किया है। तूफान के तटीय आंध्र को पार करने के समय अन्य रेलगाड़ियों की रफ्तार घटाकर 60 किलोमीटर प्रति घंटा करने का निर्णय लिया गया है।

लगातार बारिश और तेज हवाओं के कारण अनेक रेलगाड़ियां निर्धारित समय से कई घंटे विलंब से चल रही हैं। प्रकाशम जिले के ओंगोल कस्बे में पटरियां बाढ़ में डूबने से रेल सेवा प्रभावित हुई।

विजयवाड़ा जिले में सभी पैसेंजर रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं। जिन महत्वपूर्ण रेलगाड़ियों को रद्द किया गया है उनमें चेन्नई-हावड़ा कोरोमंडल एक्सप्रेस, कृष्णा-तिरुपति पुरी एक्सप्रेस, राजमुंदरी-विशाखापट्टनम पैसेंजर, तिरुपति-आदिलाबाद कृष्णा एक्सप्रेस और तिरुपति-बिलासपुर पैसेंजर रेलगाड़ियां शामिल हैं।

हावड़ा-हैदराबाद ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस पांच घंटे विलंब से चल रही है जबकि चेन्नई-विजयवाड़ा जन शताब्दी एक्सप्रेस को नेल्लौर से वापस चेन्नई लौटा दिया गया।

भारी वर्षा के कारण विशाखापट्टनम-गुंटूर सिंहाद्री एक्सप्रेस और हावड़ा-हैदराबाद विशेष रेलगाड़ी को पूर्वी गोदावरी जिले के टूनी में रोक दिया गया।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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