रूचिका मामले में फैसला 25 मई तक टला (लीड-2)
हरियाणा के पूर्व पुलिस प्रमुख एस.पी.एस. राठौड़ द्वारा रुचिका गिरहोत्रा के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने कहा कि फैसला अगले मंगलवार 25 मई को सुनाया जाएगा।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में राठौड़ को दोषी ठहराया था। सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ राठौर ने जनवरी में याचिका दायर की थी।
राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख को छह महीने की सश्रम कैद और 1,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। राठौड़ को हालांकि जल्द ही जमानत मिल गई थी।
गुरुवार को अदालत में सुनवाई के दौरान उपस्थित रूचिका के पिता एस.सी.गिरहोत्रा ने कहा कि फैसले को टाले जाने से वह निराश नहीं हैं। उन्होंने कहा, "हम निराश नहीं हैं। बस चार-पांच दिन की बात है। न्याय मिल जाएगा। फैसले में देर होना कोई गलती नहीं है। अदालतों में ऐसा होता है। हो सकता है कि न्यायाधीश को न्याय लिखने के लिए और वक्त चाहिए।"
रूचिका मामले में मुख्य शिकायतकर्ता आनंद प्रकाश ने कहा, "हम राठौर के लिए अधिकतम जेल की सजा चाहते हैं। वह दया का हकदार नहीं है। हमें देश की न्याय व्यवस्था में यकीन है।"
इससे पहले 11 मई को स्थानीय अदालत ने राठौड़ की सजा को चुनौती वाली याचिका की सुनवाई के दौरान कहा था कि अदालत 20 मई को अपना फैसला सुनाएगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने कहा था कि राठौड़ की सजा को बढ़ाए जाने की याचिका को भी इसी दिन निपटाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अगस्त 1990 में हरियाणा के पंचकुला में 15 साल की रुचिका के साथ छेड़छाड़ के मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में राठौड़ को दोषी ठहराया था। छेड़छाड़ की घटना के तीन साल बाद रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।