निरुपमा को न्याय दिलाने के लिए जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। दिल्ली की पत्रकार निरुपमा पाठक को न्याय दिलाने की एक मुहिम के तहत शनिवार शाम करीब 250 लोगों ने जंतर-मंतर पर मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन किया। निरुपमा 29 अप्रैल को झारखंड के कोडरमा जिले में अपने घर में मृत पाई गईं थी।
यह प्रदर्शन इंडिया गेट पर आयोजित किया जाना था लेकिन इसके आयोजक भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के भूतपूर्व छात्रों के संघ ने बाद में इसका स्थान बदल दिया।
प्रदर्शन में मुख्यरूप से आईआईएमसी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इन लोगों ने निरुपमा का एक आदमकद चित्र, तख्तियां और पोस्टर लिया हुआ था जिस पर लिखा था 'हम निरुपमा के लिए न्याय चाहते हैं'। प्रदर्शनकारियों ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करवाए जाने की मांग की।
इस प्रदर्शन में नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा ने भी हिस्सा लिया। वर्ष 2002 में नीतीश की हत्या के बाद नीलम न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ चुकी हैं। इसके अलावा मीडिया और आल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमन एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) जैसे संगठनों ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों ने झारखंड पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की और मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की।
आईआईएमसी में निरुपमा के सहपाठी रहे एच. शेखर ने कहा, "निरुपमा मामले को झारखंड पुलिस के हाथ से सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए क्योंकि स्थानीय पुलिस इसे आत्महत्या बताकर मामले को बंद करने की कोशिश कर रही है।"
प्रदर्शन के आयोजकों में एक ने कहा, "हम जल्द ही प्रेस क्लब से गृह मंत्रालय तक एक विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।"
निरुपमा दिल्ली के बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार में पत्रकार थीं। वह 19 अप्रैल को अपने घर कोडरमा गई हुईं थी। उन्हें 28 अप्रैल को वापस दिल्ली लौटना था लेकिन उनका वापसी का टिकट निरस्त हो गया था और वह 29 अप्रैल को अपने घर में मृत पाई गईं।
निरुपमा अपने एक सहपाठी प्रियभांशु के साथ शादी करना चाहती थीं। यह शादी उनके घरवालों को मंजूर नहीं थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।