किस्मत अधर में, पर सोरेन लौटे काम पर
सोरेन के प्रेस सलाहकार सफिक अंसारी ने आईएएनएस से कहा, "गुरुजी (सोरेन) ने रांची के बाहर पिजथोरिया में चार लेन की बन रही सड़क का निरीक्षण किया। वह अपने कार्यालय भी गए।"
इससे पहले शनिवार को प्रदेश के राजनीतिक संकट के समाधान के लिए दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमा), ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जनता दल (युनाइटेड) के नेताओं के बीच मैराथन बैठक हुई, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका।
सूत्रों के मुताबिक सोरेन ने भाजपा से 30 जून तक मुख्यमंत्री बने रहने की मोहलत मांगी है। क्योंकि सोरेन चाहते हैं कि उनकी विदाई सम्मानजनक हो। वह फिलहाल लोकसभा के सदस्य है और मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें 30 जून तक विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना संवैधानिक अनिवार्यता है।
भाजपा हालांकि झामुमो की इस नई पेशकश के समर्थन में नहीं है। दोनों दलों के नेता आगे की रणनीति के लिए फिर बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री के बेटे हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से बातचीत में शनिवार रात कहा था, "हमने फिर से बैठक करने का तय किया है ताकि कोई सहमति बन सके।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।