विपक्ष में बिखराव के बीच अनुदान मांगें पारित (लीड-2)
नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। सरकार के बजट प्रस्तावों के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम दलों द्वारा लाए गए कटौती प्रस्ताव मंगलवार को लोकसभा में गिर गए और अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित हो गईं।
सरकार की इस जीत में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 21 सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज द्वारा लाए गए पहले कटौती प्रस्ताव पर मतदान में प्रस्ताव के पक्ष में 162 और विपक्ष में 246 वोट पड़े।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता गुरुदास दासगुप्ता द्वारा लाया गया दूसरा कटौती प्रस्ताव भी गिरा गया। प्रस्ताव के पक्ष में 201 और विपक्ष में 289 मत पड़े। इलेक्ट्रॉनिक मतदान प्रणाली में गड़बड़ी के कारण इसके बाद के सभी कटौती प्रस्तावों पर एक साथ मतदान कराने पर सहमति हुई और सभी प्रस्ताव गिर गए।
केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इसके बाद सदन में अनुदान मांगों को पेश किया और उसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने मंगलवार शाम छह बजे सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने के बाद सदस्यों को कटौती प्रस्ताव पेश करने की अनुमति दी।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि कटौती प्रस्ताव पर वह भाजपा के साथ मतदान नहीं करेंगे। उनके इस बयान का भाजपा सदस्यों ने कड़ा विरोध किया।
उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं।
लालू ने कहा कि वामदल यदि उनको आश्वस्त करे कि उनके कटौती प्रस्ताव के समर्थन में भाजपा मतदान नहीं करेगी तो वह प्रस्ताव का समर्थन करने को तैयार हैं।
लालू और मुलायम अपनी पार्टी के सांसदों के साथ कटौती प्रस्ताव के दौरान सदन से बहिर्गमन किया। लोकसभा में सपा के 23 और राजद के तीन सदस्य हैं।
इससे पूर्व लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कह दिया था कि उनकी पार्टी कटौती प्रस्ताव पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा था कि बसपा के सांसद मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।