सरकार ने सहयोगी, विपक्षी नेताओं के फोन टेप किये
खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, माकपा के प्रकाश करात और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फोन टेप करवाए हैं। इस खबर के ऑन एयर होते ही राजनीतिक उठापटक एक बार फिर शुरू हो गई। कई राजनीतिक दल केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।
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इसके पीछे सरकार का मकसद आईपीएल समेत कई अन्य मामलों को लेकर चल रही गतिविधियों पर नजर रखने का था। खबर के मुताबिक शरद पवार और आइपीएल कमिश्नर ललित मोदी के बीच हुई बातचीत में क्या बातें हुईं, यह जानने के लिए फोन टेप किया गया। फोन टेपिंग के माध्यम से सरकार ने आईपीएल विवाद की तह तक जाने के प्रयास किए हैं।
सरकार ने फोन टेपिंग की जिम्मेदारी नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑगनाइजेशन को दी, जिसने कारगिल युद्ध के समय खुफिया एजेंसियों के साथ काम किया था। यह बात तय है कि नैतिकता के बाहर जाकर केंद्र सरकार का यह कार्य उसे काफी महंगा पड़ सकता है। इससे न केवल विपक्षी दल उसे घेरेंगे, बल्कि सहयोगी दल भी कांग्रेस के खिलाफ हो सकते हैं। यह बात तय है कि सोमवार को संसद में यह मामला जोर-शोर से उठाया जाएगा।