परमाणु सम्मेलन संपन्न, कार्य योजना पर सहमति बनी (लीड-1)
वाशिंगटन, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। दो दिवसीय परमाणु शिखर सम्मेलन मंगलवार को संपन्न हो गया। इस सम्मेलन में शामिल सभी 47 देशों के नेताओं ने एक गैर-बाध्यकारी विज्ञप्ति और एक महत्वाकांक्षी कार्य योजना पर सहमति जताई।
सम्मेलन के खत्म होने पर संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया कि परमाणु आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के सबसे बड़े खतरों में से है। परमाणु सुरक्षा के लिए इस तरह के प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि आतंकवादी और आपराधिक तत्व परमाणु सामग्री या तकनीक हासिल न कर सकें।
इस प्रस्ताव में राष्ट्रों के बुनियादी दायित्व, उन्हें संबंधित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर कायम रहने और सभी परमाणु सामग्रियों की सुरक्षा को प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया है। इसमें परमाणु हथियार बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री और उनके अधीन परमाणु संयंत्र शामिल हैं।
संयुक्त दस्तावेज में राष्ट्रों को गैर सरकारी तत्वों को परमाणु बम बनाने की जानकारी और उसके लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी हासिल करने से रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
परमाणु सुरक्षा, उच्च परिशोधित यूरेनियम और प्लूटोनियम की सुरक्षा के ठोस उपाय के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कानून और नियामक ढांचा तैयार करने पर भी शिखर सम्मेलन में सहमति जताई गई। इसके साथ ही परमाणु सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय क्षमता में वृद्धि पर सभी देश राजी हुए।
गैर बाध्यकारी दस्तावेज में परमाणु सुरक्षा के लिए सूचना और विशेषज्ञता की साझेदारी के लिए कहा गया है।
संयुक्त दस्तावेज में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा ढांचे में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की अनिवार्य भूमिका की पुष्टि की गई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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