अफ्रीका के लिए भारत एक बड़ा उदाहरण : टोगो के प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। टोगो के प्रधानमंत्री गिलबर्ट फोसून होउंग्बो ने कहा कि अफ्रीकी देशों में भारत को ज्ञान की एक महाशक्ति के रूप देखा जाता है और भारतीय उद्योगों को पश्चिम अफ्रीकी देशों में निवेश बढ़ाना चाहिए।
इस सप्ताह भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन की सफलता से उत्साहित होउंग्बो ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा कि अफ्रीका को दक्षिण के अन्य देशों से लाभ मिलने की उम्मीद है। भारत उसके लिए एक बेहतर उदाहरण है।
अगले वर्ष होने वाले दूसरे भारत-अमेरिका व्यापार सम्मेलन के बारे में अफ्रीका की उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "भारत दुनिया का सर्वाधिक जनसंख्या वाला लोकतंत्र है और ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी देश है। वह ज्ञान की महाशक्ति के रूप में उभर रहा है।"
करीब 66 लाख की आबादी वाले दुनिया के चौथे सबसे बड़े फॉस्पेट उत्पादक देश टोगो का सितम्बर 2008 में प्रधानमंत्री बनने वाले होउंग्बो ने कहा, "भारत के अनुभव से अफ्रीका भारी लाभ उठा सकता है।"
एक एकाउंटेंट और व्यापार प्रबंधक होउंग्बो संयुक्त राष्ट्र में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाल चुके हैं। वह संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के अफ्रीका क्षेत्र के निदेशक थे।
होउंग्बो ने कहा कि हरित क्रांति लाने का भारत का अनुभव अफ्रीका के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।
चीन जैसे अन्य देशों के अफ्रीकी देशों से सहयोग के तरीकों की भारत से तुलना के बारे में उन्होंने कहा, "भारत के सहयोग का तरीका बहुत रोचक है। भारत एक विकासशील देश है लेकिन इसने बहुत अधिक हासिल किया है। अफ्रीका भारत के विकास के अनुभवों से लाभ उठा सकता है।"
उन्होंने कहा कि ज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के बहुत अधिक अवसर हैं।
भारत और अफ्रीका का वर्तमान व्यापार करीब 39 अरब डॉलर वार्षिक है, जबकि चीन और अफ्रीका का वार्षिक व्यापार 109 अरब डॉलर है। परंतु भारत का मानना है कि लंबे समय के लिए आर्थिक सशक्तिकरण, कौशल निर्माण और मानव संसाधन विकास का भारत का मॉडल अधिक प्रभावी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।