कनाडा के विश्वविद्यालय भारत में प्रवेश के लिए तैयार
टोरंटो, 18 मार्च (आईएएनएस)। विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में स्वतंत्र परिसरों की स्थापना की अनुमति देने वाले विधेयक के संसद से पारित होने के बाद कनाडा के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के भारत में प्रवेश करने की संभावना है।
इस समय कनाडा के और अमेरिका के विश्वविद्यालय स्थानीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के साथ मिलकर भारत में 26 परियोजनाओं का संचालन कर रहे हैं।
प्रस्तावित विधेयक को एक स्वागत योग्य कदम बताते हुए कनाडा-भारत व्यापार परिषद शिक्षा समिति के हुसैन नीमचवाला ने आईएएनएस से कहा, "इंडो-कनाडा चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, कनाडा-इंडिया व्यापार परिषद और हम कनाडा के विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर खोलने के लिए माहौल बना रहे हैं।"
विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने की अनुमति देने वाले प्रस्ताव को भारतीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को मंजूरी दी। इस कदम से देश में गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध होने के साथ ही विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट आने की उम्मीद है।
वीजा और अन्य समस्याओं के कारण भारत के 4,000 से भी कम छात्र हर वर्ष कनाडा के विश्वद्यिालयों में प्रवेश पाते हैं। इसकी तुलना में अमेरिका में हर वर्ष 80,000, ब्रिटेन में 50,000 और आस्ट्रेलिया में 40,000 भारतीय छात्र शिक्षा हासिल करने जाते हैं।
हुसैन ने कहा कि भारतीय विधेयक सभी समस्याओं को खत्म कर देगा। अब कनाडा के विश्वविद्यालय भारत में अपनी विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराएंगे। इससे भारतीय छात्रों के लिए वीजा संबंधी सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
इस समय कनाडा के कुछ विश्वविद्यालय भारत में कार्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं। टोरंटो स्थित यार्क विश्वविद्यालय विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ शिक्षा कार्यक्रमों के विनिमय का समन्वयक संस्थान है।
टोरंटो स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर एजुकेशन के अध्यक्ष हुसन ने कहा कि यार्क विश्वविद्यालय ने मुंबई के एस.पी.जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के साथ मिलकर एमबीए पाठ््यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत छात्र पहले वर्ष की शिक्षा मुंबई और दूसरे वर्ष की शिक्षा टोरंटो में हासिल करते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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