परमाणु विधेयक अमेरिकी कंपनियों को छिपी छूट : वाम दल
किसी दुर्घटना की स्थिति में परमाणु संयंत्र संचालकों और उपकरण आपूर्तिकर्ताओं पर जिम्मेदारी की अधिकतम सीमा लगाने वाले 'आणविक नुकसान के लिए नागरिक दायित्व विधेयक' को सरकार सोमवार को पेश करने वाली थी लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और अन्य तीन वाम दलों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि सरकार इस विधेयक को इसलिए आगे बढ़ा रही है क्योंकि अमेरिकी उपकरण आपूर्तिकर्ता कंपनियां अमेरिकी सरकार के उच्च स्तरों के माध्यम से इसके लिए दबाव बढ़ा रही हैं।
अमेरिका ने भारत-अमेरिका परमाणु विधेयक के तहत आपूर्ति से पहले जिम्मेदारियों की उच्चतम सीमा तय करने और इस तरह परमाणु रिएक्टर संचालकों और आपूर्तिकर्ताओं को सभी जिम्मेदारी से बरी करने की पूर्व शर्त रखी है।
वाम दलों के बयान में कहा गया कि इसी कारण ईंधन के पुनप्र्रसंस्करण और दोहरे उपयोग की प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर अमेरिका ने अभी तक सहमति नहीं दी है, जबकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद के समक्ष इसका दावा किया था।
बयान में कहा कि आणविक जवाबदेही विधेयक और कुछ नहीं बल्कि अमेरिकी कंपनियों को अप्रत्यक्ष तरीके से भारी सब्सिडी देना है। इससे निजी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा मिलेगा और अमेरिका की उपकरण आपूर्तिकर्ता कंपनियों को फायदा होगा। सरकार भारतीय लोगों के हितों को कुर्बान करने को तैयार है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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