पिंगपिंग के निधन से दुखी है उनका संभावित उत्तराधिकारी
काठमांडू, 16 मार्च (आईएएनएस)। विश्व के सबसे छोटे 'बच्चे' ने विश्व के सबसे छोटे कद के व्यक्ति ही पिंगपिंग के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पिंगपिंग का 21 साल की आयु में शनिवार को निधन हो गया। उनकी लंबाई महज 29 इंच थी।
इटली में एक टेलीविजन कार्यक्रम की शूटिंग के दौरान पिंगपिंग ने सीने में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद पिंगपिंग को रोम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में ही पिंगपिंग का निधन हुआ। यह घटना शनिवार की है।
विश्व के सबसे छोटे कद से बच्चे के रूप में मशहूर नेपाल के पोखरा जिले के निवासी 17 वर्षीय खागेंद्र थापा मगार पिंगपिंग के असमय निधन से काफी दुखी हैं। मगार को पिंगपिंग का उत्तराधिकारी माना जाता है।
मगार को विश्व के सबसे छोटे कद से व्यक्ति का ओहदा दिलाने के लिए प्रयासरत संगठन-खागेंद्र थापा मगार फाउंडेशन के अध्यक्ष मीन बहादुर राणा मगार ने कहा, "हम पिंगपिंग के निधन से दुखी हैं। पिंगपिंग का निधन विश्व के सभी छोटे कद के लोगों के लिए दुख का विषय है।"
मगार को पिंगपिंग के निधन की खबर नहीं मिल पाई है क्योंकि वह स्कूल गए थे। पिंगपिंग पिछले महीने ही रोम में मगार से मिले थे। यूरो टेलीविजन ने दोनों को एक मंच पर लाने का काम किया था।
राणा मगार ने कहा, "पिंगपिंग मगार को देखकर काफी खुश थे। दोनों में काफी समानताएं हैं। हम पिंगपिंग के साथ एक होटल में एक हफ्ते तक रुके रहे। दोनों साथ-साथ खेले और खाना खाया।"
इस दौरान पिंगपिंग ने मगार के साथ विशेष रूप से तैयार टेबल पर टेबल टेनिस खेला। दोनों ने साथ-साथ चिकेन सैंडविच और माकारोनी नामक व्यंजन का लुत्फ लिया।
मगार की लंबाई 22 इंच है। उन्होंने विश्व के सबसे छोटे व्यक्ति के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स के सामने अपना दावा पेश कर दिया है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस के प्रकाशकों ने कहा है कि पिंगपिंग के नए उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा अक्टूबर में की जाएगी। उस समय मगार 18 वर्ष के हो जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि चीन में पैदा हुए पिंगपिंग को विश्व के सबसे कम कद के व्यक्ति के रूप में मार्च 2008 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में जगह मिली थी। इसके बाद पिंगपिंग दुनिया भर में मशहूर हो गए थे।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस के प्रधान संपादक क्रेग ग्लेनडे ने खुद पिंगपिंग की लंबाई नापी थी। उस समय पिंगपिंग मंगोलिया के एक सुदूरवर्ती इलाके में रहा करते थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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