नेपाल की 2.7 करोड़ आबादी झेल रही है भुखमरी : संयुक्त राष्ट्र
नेपाल के 75 जिलों में से करीब आधे जिले भोजन की कमी से जूझ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर जिले पश्चिमी और पहाड़ी इलाकों के हैं। 'यूएन ऑफिस फॉर द कॉर्डिनेशन ऑफ ह्यूमेनिटेरियन एफेयर्स' (ओसीएचए) का कहना है कि नेपाल के 34 लाख से ज्यादा असुरक्षित लोगों की मदद के लिए 12.35 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है।
भोजन की अत्यधिक कमी के साथ नेपाल बाढ़, भूस्खलन और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदओं के लिए भी बहुत संवेदनशील है।
वर्ष 2009 में करीब 152,000 लोग मानसून की बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए थे। ओसीएचए ने कहा कि पिछले साल पश्चिमी नेपाल में अतिसार के मामले बढ़ने के बाद पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने और साफ-सफाई की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता थी।
संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमेनिटेरियन एफेयर्स के महासचिव और आपातकालीन राहत समन्वयक जॉन होम्स ने कहा कि संघर्ष के बीच उभरते एक देश के रूप में नेपाल को संक्रमण के इस नाजुक दौर में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता की निरंतर आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक नेपाल में हर साल रोकी जा सकने वाली बीमारियों से करीब 28,000 बच्चों की मौत होती है। इनमें से कुछ मौतें कुपोषण का परिणाम होती हैं। इनमें से ज्यादातर परेशानियां पर्याप्त सहायता से दूर की जा सकती हैं।
ओसीएचए ने कोष की अपील करते हुए कहा है कि इससे खाद्य सुरक्षा सुधारने, पोषण परियोजनाओं को धन मुहैया कराने, आपदा तैयारियों को मजबूत बनाने और शरणार्थियों की सहायता की दिशा में काम किया जाएगा।
वर्तमान में नेपाल में पड़ोसी देश भूटान के करीब 89,000 शरणार्थी रहते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।