कनाडा में भारतीय और पाकिस्तानी सबसे बड़े अश्वेत समूह होंगे
गुरमुख सिंह
टोरंटो, 10 मार्च (आईएएनएस)। कनाडा में बढ़ती अप्रवासियों संख्या और अश्वेतों की उच्च जन्मदर ने देश के जनसांख्यिकीय चेहरे को तेजी से बदला है। सांख्यिकी विभाग द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2031 तक यहां अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़कर कुल जनसंख्या की एक तिहाई हो जाएगी।
विभाग के आंकड़ों के अनुसार भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी अश्वेतों की आबादी 28 फीसदी हो जाएगी।
कनाडा में वर्ष 2006 में की गई जनगणना के अनुसार अप्रवासी अश्वेतों की आबादी 13 लाख थी, जो वर्ष 2031 तक बढ़कर 32-41 लाख के बीच तक पहुंच जाएगी। सांख्यिकी विभाग के मुताबिक वर्ष 2031 तक प्रत्येक तीन कनाडाई नागरिकों में से दो अश्वेत होंगे।
अभी कनाडा में मुस्लिमों की आबादी दस लाख से ज्यादा है, जिनके तिगुनी दर से बढ़ने की संभावना है।
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2031 तक अल्पसंख्यकों की जनसंख्या देश की आबादी के 29 से 31 फीसदी के बीच तक पुहंच जाएगी, जो 2006 में की गई जनगणना से दोगुनी होगी।
वर्ष 2006 के जनगणना के मुताबिक कनाडा की आबादी 330 लाख से अधिक थी, जिसमें अश्वेतों की हिस्सेदारी करीब 53 लाख थी।
रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी एशियाई मूल के लोगों के बाद वर्ष 2031 तक चीनियों की जनसंख्या 21 से 24 फीसदी हो जाएगी। अभी कनाडा आने वालों में सबसे ज्यादा चीनी शामिल हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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