शीर्ष कृषि संस्थान ने किया बीटी बैंगन का समर्थन
आईएआरआई के निदेशक एस.एस.गुप्ता से जब संवाददाताओं ने बीटी बैंगन पर उनका विचार जानना चाहा तो गुप्ता ने कहा, "जब कोई नई प्रौद्योगिकी आती है तो हमें दिमाग को खुला रखने की जरूरत होती है। यदि हम अभी नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो हम पीछे रह जाएंगे।"
गुप्ता ने कहा कि कृषि क्षेत्र में पिछले 40 वर्षो से स्थिरता बनी हुई है। लेकिन आबादी तेजी के साथ बढ़ रही है। हमें लगभग 120 करोड़ आबादी का भरण-पोषण करना है, लिहाजा हमें इस प्रौद्योगिकी को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।
परोक्ष रूप से पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश पर आरोप लगाते हुए गुप्ता ने कहा कि सभी संबंधित लोगों के साथ ईमानदारी के साथ बातचीत की जानी चाहिए।
गुप्ता ने कहा, "मैं पिछले 25 वर्षो से इस क्षेत्र में काम कर रहा हूं। मैं मानता हूं कि इस बारे में मैं अन्य लोगों से बेहतर समझ रखता हूं। यदि अमेरिका के लोग बीटी मक्का खा सकते हैं तो हम बीटी बैंगन क्यों नहीं खा सकते?"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।