गोपनीयता सुरक्षित रहेगी यूआईडी से : नन्दन निलकानी
नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय अनन्य पहचान प्राधिकरण के अध्यक्ष नन्दन निलेकानी ने कहा है कि अनन्य पहचान (यूआईडी) परियोजना में गोपनीयता सुरक्षित रहेगी तथा इससे निजी जानाकारियां सार्वजनिक नहीं हो सकेंगी।
निलेकानी ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "गोपनीयता को लेकर हम सचेत हैं। वास्तव में यूआईडी के आंकड़े हर कोई नहीं पढ़ पाएगा। आप इसका इस्तेमाल सिर्फ प्रमाणीकरण के लिए कर सकते हैं। गोपनीयता सुरक्षित रखने के लिए हम तकनीकी और कानूनी रूप से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "गोपनीयता तथा इसके लिए कैसे कानून की आवश्यकता है, को लेकर देश में बहस की जरूरत है। आज देश में गोपनीयता संबंधी कोई कानून नहीं है।"
निलेकानी ने कहा इसी साल अगस्त महीने से वर्ष 2011 के फरवरी के बीच कभी भी यूआईडी की पहली खेप मुहैया कराई जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2010-11 के बजट में शुक्रवार को भारतीय अनन्य पहचान प्राधिकरण के लिए 1900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।
मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में विभिन्न प्रौद्योगिकीय एवं प्रणाली विषयक मामलों की जांच के लिए निलेकानी की अध्यक्षता में एक अनन्य परियोजना प्रौद्योगिकी सलाहकार समूह की स्थापना की भी घोषणा की थी।
निलेकानी कहते हैं, "इस अनन्य पहचान का बहुत महत्व रहेगा, खासकर गरीबों और समाज के पिछड़े तबकों के लिए। क्योंकि राज्य सरकारों द्वारा उनकी वस्तुस्थिति की सही पहचान नहीं हो पाती है और उन्हें इसका खामियाजा भगुतना पड़ता है।"
यह प्राधिकरण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए लक्षित समूहों की पहचान भी करेगा।
निलेकानी कहते हैं, "गरीबों और पिछड़े तबकों को इससे एक पहचान मिलेगी। आज इनकी कोई पहचान नहीं है। समेकित विकास के लिए यह बहुत आवश्यक है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।