स्वतंत्रता सेनानी थे शाहरुख के पिता
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उन्होंने कहा, "यह विडंबना और दुख की बात है कि जिस शिवसेना ने जंग-ए आजादी के लिए कुछ नहीं किया, वह शाहरुख से जाने को कह रहे हैं।" सिंह ने कहा, "यहां महत्वपूर्ण यह है कि हम हिंदू थे और हमने पाकिस्तान को छोड़ा लेकिन वहां एक मुस्लिम भी था, जिसने भारत को चुना। आखिर शिवसेना शाहरुख को पाकिस्तान जाने के लिए कैसे कह सकती है, जिसके पूरे परिवार ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया था।" उन्होंने बताया ''मैं और शाहरुख के पिता ताज मोहम्मद पेशावर से थे। हमने 'भारत छोड़ो' आंदोलन में हिस्सा लिया था।'' ताज मोहम्मद के बड़े भाई गुलाम मोहम्मद गामा भी स्वतंत्रता सेनानी थे। सिंह ने कहा कि आजादी के बाद शाहरुख के पिता चंद मुस्लिमों में एक थे, जिन्होंने भारत में रहना मुनासिब समझा।
उन्होंने कहा, "शिवसेना और बाल ठाकरे का स्वतंत्रता संग्राम से कोई संबंध नहीं रहा है और वे शाहरुख को पाकिस्तान जाने की सलाह दे रहे हैं। यह शर्मनाक बात है। वे ऐसी बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि शाहरुख मुस्लिम हैं।'' कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नजदीकी रहे सिंह अब राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। वह हैरिटेज सोसाइटी ऑफ इंडिया के सचिव हैं और साथ ही डाक्टर श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पीटल के अध्यक्ष भी हैं। शाहरुख के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को लेकर हर तरफ आलोचना का शिकार हो रही शिवसेना के तेवर कुछ नरम पड़ गए हैं।