अल्पसंख्यकों को आरक्षण पर दुविधा में हैं खुर्शीद
यद्यपि सतर्कता बरतते हुए खुर्शीद ने कहा कि पिछले सप्ताह संसद में पेश की गई राष्ट्रीय धार्मिक एवं भाषायी अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है।
मंत्री ने आईएएनएस से कहा, "मुझे इन सिफारिशों को लागू करने में कुछ आशंकाएं दिख रही हैं, लेकिन इसके लिए अध्ययन करने की आवश्यकता है।"
आयोग के अध्यक्ष व पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंगनाथ मिश्रा ने देश के धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों को पिछड़े वर्ग में रखा है और सभी अल्पसंख्यकों को नौकरियों, शिक्षा और कल्याणकारी योजनाओं में 15 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कहा है।
अक्टूबर 2004 में गठित आयोग ने सिफारिश दी है कि 15 प्रतिशत के आरक्षण में से 10 प्रतिशत आरक्षण देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय मुसलमानों को दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह आरक्षण सरकारी नौकरियों, शैक्षिक संस्थानों और समाज कल्याण की योजनाओं में दिया जाए।
खुर्शीद ने कहा, "अब रिपोर्ट लोगों के सामने है और हमें इस पर एक चर्चा करने की आवश्यकता है। पूरे मंत्रिमंडल को यह विचार करना है। हम गंभीरता से इसकी जांच करेंगे।"
उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने के अन्य उपलब्ध मॉडलों पर भी विचार कर रही है।
खुर्शीद ने कहा, "अल्पसंख्यकों की पिछड़ी जातियों को ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण में भी शामिल करने की संभावना है और सरकार इस पर विचार कर रही है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।