राजपक्षे ने करूणानिधि, जयललिता को निमंत्रण भेजा
कोलंबो, 28 जनवरी (आईएएनएस)। श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.करूणानिधि और अखिल भारतीय अन्ना द्रमुक(एआईडीएमके) प्रमुख जे. जयललिता को अपने यहां आने का निमंत्रण भेजा है। ताकि वे तमिल विद्रोहियों को हथियार डालने और लोकतांत्रिक मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी कर सकें।
राजपक्षे ने अपने देश की आधिकारिक यात्रा पर आए भारतीय विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी को यह जानकारी दी। मुखर्जी विदेश सचिव शिवशंकर मेनन के साथ मंगलवार देर रात एक विशेष विमान से भंडारनायके हवाई अड्डे पहुंचे। वह राजपक्षे से बातचीत करने के बाद उसी रात वापस लौट गए।
मुखर्जी ने यहां भारतीय पत्रकार को बताया, "हमारी बातचीत के बाद राष्ट्रपति राजपक्षे ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि और विपक्ष की नेता जे. जयललिता के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को श्रीलंका आने का निमंत्रण भेजा है। ताकि वे वास्तविकता से अवगत हो सके और लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम(लिट्टे)को हथियार डालने तथा लोकतंत्र की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी करने के वास्ते राजी कर सकें।"
पूर्व निर्धारित यात्रा के बगैर श्रीलंका पहुंचे मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि राजपक्षे के साथ बातचीत में उत्तरी संघर्षरत क्षेत्र में नागरिकों की स्थिति पर चर्चा की गई। राजपक्षे ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार नागरिकों की तकलीफें दूर करेगी।
यह पूछने पर कि क्या उनकी यात्रा से सरकारी सेनाओं और लिट्टे में संघर्षविराम हो सकेगा, मुखर्जी ने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य नागरिकों की तकलीफे घटाना और उनकी हिफाजत सुनिश्चित करना है।
यह पूछने पर कि क्या वे करूणानिधि से राजपक्षे के प्रस्ताव पर विचार करने को कहेंगे। उन्होंने कहा, "उन्होंने निमंत्रण भेजा है और इससे मुख्यमंत्री को अवगत करा दूंगा।"
उन्होंने कहा, "सैन्य सफलता से 23 वर्षो के संघर्ष के बाद उत्तरी प्रांत और पूरे श्रीलंका में सामान्य स्थिति बहाल करने का राजनीतिक अवसर मिला है।" मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वह भी ऐसा ही चाहते हैं।
मुखर्जी ने कहा, "हम श्रीलंका सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि श्रीलंकाइयों विशेषकर तमिल जितना जल्द हो सकें सामान्य जीवन बिता सकें। अपनी ओर से मैंने उत्तरी श्रीलंका के पुनर्निर्माण में देश की भागीदारी की इच्छा जाहिर की है।"
मुखर्जी की यात्रा के बारे में राजपक्षे के कार्यालय की ओर से कोई सरकारी बयान जारी नहीं किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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