मुंबई हमलों के भारतीय सबूतों पर पाक ने कोई सबूत नहीं दिया: मंत्री
नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। सरकार ने शनिवार को कहा कि मुंबई के आतंकवादी हमलों के बारे में भारत की ओर से छह दिन पहले सौंपे गए सबूतों पर पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया है और अंतर्राष्ट्रीय संधियों के मुताबिक उसे संदिग्ध आरोपियों को भारत के हवाले कर देना चाहिए।
विदेश राज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, "जवाब मिलने के बाद ही मैं कोई टिप्पणी करुं गा।" उन्होंने यह बात संवाददाताओं के इन प्रश्नों के उत्तर में कही कि क्या पाकिस्तान की ओर से कोई जवाब आया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने शुक्रवार को कहा था कि भारत ने सीआईए के माध्यम से 52 पृष्ठों का एक दस्तावेज भेजा था और आईएसआई उस पर अपनी प्रतिक्रिया से सीआईए को पहले ही अवगत करा चुकी है तथा यह जानकारी भारत तक पहुंचाई जा चुकी है।
भारतीय अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि उन्हें सीआईए के माध्यम से पाकिस्तान को कोई सबूत भेजे जाने की जानकारी नहीं है।
इससे पहले सोमवार को भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त शाहिद मोहम्मद ने कहा था कि उनके देश को विदेश सचिव शिवशंकर मेनन द्वारा सौंपे गए दस्तावेज का जवाब अभी देना है।
मुंबई हमलों में एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब को पाकिस्तान द्वारा अपना नागरिक कबूल करने के तीन दिन बाद शर्मा ने कहा कि यदि पाकिस्तान इसे पहले स्वीकार कर लेता तो यह भारत और क्षेत्र दोनों के हित में होता।
विश्व हिंदी दिवस के मौके पर आयोजित समारोह के दौरान शर्मा ने कहा, "पहले ही दिन ये स्पष्ट था कि वे लोग कौन थे और कहां से आए थे।" वे उन 10 आतंकवादियों का हवाला दे रहे थे जिन्होंने मुंबई में गत 26 नवंबर को कहर बरपाया था।
उन्होंने कहा, "यदि पाकिस्तान हमलावरों की राष्ट्रीयता झुठलाता नहीं और सहयोग करता तो यह भारत और क्षेत्र दोनों के हित में होता और इससे माहौल सौहार्दपूर्ण बनता।"
शर्मा ने कहा," पाकिस्तान ने अभी तक कसाब से राजनयिक संपर्क की इजाजत नहीं मांगी है लेकिन यदि वह ऐसा करेगा तो भारत सहर्ष इसकी इजाजत देगा।"
उन्होंने कहा कि हमलों में शामिल लोगों की शिनाख्त हो चुकी हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान मुंबई हमलों को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लिए गए अपने संकल्प का सम्मान करना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*