मलेशियाई विपक्षी गठबंधन में इस्लामिक कानून को लेकर मतभेद गहराया
कुआलालंपुर, 9 जनवरी(आईएएनएस)। मलेशिया के बहुलवादी समाज में इस्लामिक कानूनों के क्रियान्वयन के मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन पकातन रकयात (पीआर) में मतभेद गहरा गए हैं। भारतीय मूल के नेताओं ने इसका विरोध तेज कर दिया है।
पीआर के घटक दलों में से एक डेमोकट्रिक एक्शन पार्टी (डीएपी) के प्रमुख और सांसद करपाल सिंह ने इस मसले पर गठबंधन के प्रमुख अनवर इब्राहिम के रुख की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इब्राहिम का यह तर्क कि इस कानून के दायरे में सिर्फ मुस्लिम आएंगे, महज छलावा है। 'द स्टार' अखबार के मुताबिक करपाल सिंह ने कहा है कि इससे देश का संवैधानिक चरित्र बदल जाएगा और कट्टरपंथी सियासी संगठन पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी(पीएएस) को इस देश को इस्लामिक राष्ट्र में तब्दील करने की साजिश में मदद मिलेगी।
मलेशियाई संसद में इस गठबंधन के 88 सदस्य हैं। इब्राहिम ने कहा है कि हूदूद कानूनों को खारिज करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इनके दायरे में सिर्फ मुस्लिम ही आएंगे। करपाल ने कहा कि इब्राहिम को यह समझना चाहिए कि इसकी वकालत करना पीएएस के सुर में सुर मिलाने जैसा है। पीएएस भी इस विपक्षी गठबंधन में शामिल है।
उन्होंने कहा कि पीएएस के नेता इन कानूनों के दायरे में गैर मुसलमानों को भी लाने की वकालत करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के अल्पसंख्यकों को यह मंजूर नहीं होगा। इस मसले पर सत्तारूढ़ बारीसान नेशनल(बीएन) गठबंधन में भी मतभेद पैदा हो गया है। मलेशियन चाइनीज एसोसिएशन ने इस मसले पर इब्राहिम की आलोचना की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।