पशुपतिनाथ संबंधी विवादास्पद निर्णय वापस लिए जाएंगे : प्रचंड
काठमांडू, 7 जनवरी (आईएएनएस)। पशुपतिनाथ मंदिर से भारतीय पुजारियों को हटाने के विवाद पर दो सप्ताह तक सर्वोच्च न्यायालय और हिंदू श्रद्धालुओं से मुकाबला करने के बाद आखिरकार नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' ने बढ़ते दबाव के सामने घुटने टेक दिए और सभी विवादास्पद निर्णयों को रद्द करने का वादा किया।
प्रचंड ने बुधवार को अंतरिम संसद को संबोधित करते हुए कहा कि पशुपतिनाथ क्षेत्र विकास न्यास द्वारा 17 वीं सदी के मंदिर के संबंध में लिए गए सभी विवादास्पद निर्णयों को वापस लिया जाएगा।
प्रचंड ने मंदिर के संरक्षक के नाते वादा किया कि इस्तीफा दे चुके सभी चारों भारतीय पुजारियों को पूजा जारी रखने को कहा जाएगा, जब तक कि नई नियुक्तियां नहीं हो जातीं।
यह विवाद माओवादियों के दबाव के बाद भारत के चार पुजारियों द्वारा इस्तीफा देने पर पैदा हुआ था। माओवादियों के नियंत्रण वाले मंदिर न्यास ने केवल दक्षिण भारत के ही पुजारियों को पूजा के लिए नियुक्त करने की 300 वर्ष पुरानी परंपरा का उल्लंघन करते हुए नेपाली पुजारी नियुक्त किए थे।
इस निर्णय पर नेपाल के अन्य राजनीतिक दलों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भी आपत्ति प्रकट की थी। यहां तक कि नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने भी पशुपतिनाथ मंदिर को विवादमुक्त रखने का आग्रह किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।