अभियंता की हत्या के विरोध में सपा ने किया उत्तरप्रदेश बंद, गिरफ्तारियां दी (लीड-1)
सपा की उत्तरप्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और पार्टी के युवा सांसद अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में राजभवन के सामने धरना दिया और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तारियां भी दी। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ तीखी झ्झड़प भी हुई।
शिवपाल सिंह ने पत्रकारों से कहा कि आमतौर पर जन्मदिन पर तोहफे के रूप में फूल मांगे जाते हैं लेकिन सूबे की मायावती सरकार अपने जन्मदिन पर खून मांग रही हैं। वे माफियाओं और गुंडों से चंदा उगाही कराकर पूरे राज्य की जनता को लूटने में लगी हैं। यादव ने बसपा सरकार को तत्काल बर्खास्त किए जाने की मांग की।
सपा के प्रदेशव्यापी बंद के आह्वान का असर लखनऊ के अलावा इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी समेत सभी प्रमुख शहरों में देखा गया। वहां के बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। पूरे प्रदेश में सपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। इलाहाबाद और मुगलसराय में ट्रेनें रोककर सपा कार्यकर्ताओं ने अपना आक्रोश प्रकट किया। औरैया में सपाइयों और पुलिस के बीच पथराव भी हुआ।
सपा के प्रदेशव्यापी बंद के आह्वान का कांग्रेस ने भी समर्थन किया। लखनऊ में विधानसभा के सामने धरना स्थल पर सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अभियंता मनोज की हत्या के विरोध में मायावती से इस्तीफे की मांग की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी औरैया में सड़कों पर उतरकर माया राज के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया।
बंद समर्थकों ने कई जगह ट्रेनों को रोका। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर सपा कार्यकर्ताओं ने तूफान एक्सप्रेस को रोका, वहीं इलाहाबाद में गंगा-गोमती एक्सप्रेस रोकी। गोरखपुर में सैकड़ों सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया। वाराणसी में भी सपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। जबरदस्ती दुकानें भी बंद करवाई गई।
कानपुर में बंद समर्थकों ने पुलिस महानिरीक्षक (कानपुर जोन) के कार्यालय का घेराव किया। बंद समर्थकों का सबसे ज्यादा हंगामा औरैया में देखा गया, जहां पुलिस और भीड़ के बीच जमकर पथराव हुआ। इस दौरान पुलिस ने आक्रोशित भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय और एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया।
इस दौरान दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हो गये। औरैया के पुलिस अधीक्षक इकरामुल हक ने पत्रकारों को बताया कि बंद के दौरान भीड़ को काबू करने के लिए आस-पास के जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाए गए थे।
सपा के प्रदेशव्यापी बंद के आह्वान का कांग्रेस ने भी समर्थन किया। लखनऊ में विधानसभा के सामने धरना स्थल पर सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अभियंता मनोज की हत्या के विरोध में मायावती के इस्तीफे की मांग की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी औरैया में सड़कों पर उतरकर माया राज के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया।
उधर, मायावती ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, " जब से मैं मुख्यमंत्री बनी हूं राज्य में कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है। इस मामले में जैसे ही मुझ्झे खबर मिली मैंने अपनी पार्टी के विधायक को जेल भेज दिया।"
उन्होंने कहा कि अगर मेरी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता जनता से पैसे मांगता पकड़ा गया तो उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। मैंने कभी अपने किसी कार्यकर्ता को जन्मदिन के लिए पैसे एकत्र करने को नहीं कहा। इस घटना को मेरे जन्मदिन से जोड़कर देखना गलत है। ये पूरी तरह विपक्षी पार्टियों की साजिश है।
उधर सपा ने चंदा उगाही का शिकार हो रहे कर्मचारियों के लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन शुरू करने की घोषणा की है। सांसद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से कहा कि इस हेल्पलाइन में अभियंता मनोज गुप्ता की तरह वसूली का शिकार हो रहे सरकारी कर्मचारी अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।