मुंबई हमले: कराची से चले थे आतंकी
जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात का खुलासा किया है। अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने कराची के पास अपने हथियार जहाज में लादे और वहीं से इस वारदात को अंजाम देने के लिए चले थे।
आतंकवादियों का जहाज सबसे पहले गुजरात के तटीय क्षेत्र में पहुंचा और पाकिस्तानी जल सीमा में मछली पकड़ने वाले भारतीय जहाज कुबेर पर कब्जा कर लिया। इस पर सवार चार लोगों की हत्या कर दी और उनके शव समुद्र में फेंक दिए।
सैटेलाइट
फोन
के
जरिये
रहे
अपने
आकाओं
के
संपर्क
में
इसके बाद आतंकवादियों ने जहाज के कैप्टन बलबंत टंडेल से कहा कि वह जहाज को मुंबई ले चले। इस दौरान ये सभी आतंकवादी सैटेलाइट फोन के जरिये अपने आकाओं के संपर्क में रहे, जहां से उनको निर्देश मिलते रहे।
मुंबई तट से तीन समुद्री मील दूर आतंकियों ने टंडेल की हत्या कर दी। टंडेल का शव तट रक्षक बल ने पिछले सप्ताह बरामद किया था। इसके बाद वे लोग अपने सामान के साथ डिंगी (रबर बोट) में सवार होकर दक्षिण मुंबई के कोलाबा स्थित बधवार पार्क पहुंचे।
अधिकारी ने बताया कि इन आतंकियों में से कोई भी ताज या ओबराय होटल में नहीं ठहरा। अभी तक मिले प्रमाणों के मुताबिक सभी आतंकवादी 20 से 25 वर्ष की आयु के थे। माना जाता है कि ये सभी लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे।
जांच एजेंसी के अधिकारी के मुताबिक सभी आतंकवादियों को कठिन ट्रेनिंग दी गई थी। इन्हें भीड़भाड़ वाले इलाके में आतंक फैलाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया था। यही नहीं इस बात की भी ट्रेनिंग दी गई थी कि किस तरह समुद्र में रहने के बाद भी फुर्ती से काम कर सकें और किस तरह पचास घंटे तक लड़ सकें।
ताज के कमरे में बनाया था कंट्रोल रूम
आतंकी हमले के बाद से होटल ताज में चल रही जांच में पता चला है कि कम से कम दो आतंकवादी चार दिन पहले से होटल ताज में ठहरे थे। यहां के कमरा नंबर 630 में इन आतंकियों ने भारी मात्रा में असलहा जमा किया था।
हमले के बाद की गई खोजबीन में इस कमरे में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ है। यही नहीं ग्रेनेड भी बरामद हुए।