गुजरात में अपने अधिकारों को लेकर बच्चों की अनूठी पहल
नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। गुजरात के बलसाड़ जिले में हाल ही में बच्चों के एक समूह ने जागरुकता के प्रसार को लेकर अनूठी पहल की। जिले के एक विद्यालय के बच्चों के लगातार बीमार पड़ने की घटना को बच्चों के एक समूह ने गंभीरता से लिया। इस समूह ने पेयजल और विद्यालय में दोपहर को दिए जाने वाले भोजन की जांच की तो पता चला कि ये दोनों ही दूषित हैं।
बच्चों ने एक स्थानीय गैर सरकारी संगठन की सहायता से पेयजल और भोजन में गड़बड़ी के संबंध में विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक आवेदन दिया। साथ ही एक आवेदन पत्र जल आपूर्ति बोर्ड को भी भेजा। बच्चों के इस समूह ने अपनी बात को केवल इन्हीं दोनों के पास नहीं पहुंचाया बल्कि स्थानीय पंचायत के सदस्यों को भी विद्यालय की समस्याओं से अवगत कराया।
बच्चों में जागरुकता के प्रसार को लेकर गुजरात के पांच जिलों में अहमदाबाद स्थित एक गैर सरकारी संगठन 'चेतना' इन दिनों प्रयास कर रहा है। इसी के प्रयास का एक चेहरा बलसाड़ जिले में दिखाई दिया। यह संगठन बच्चों और महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर काम करता है।
'चेतना' बाल अधिकारों को लेकर प्रमुखता से काम करती है। दरअसल काफी कम बच्चे अपने अधिकारों के बारे में सजग होते हैं। उन्हें यह नहीं मालूम होता है कि आखिर उनके अधिकार क्या हैं?
बाल अधिकारों को लेकर 'चेतना' 24 नवंबर को दिल्ली में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर बाल अधिकार संबंधी मसलों पर चर्चा की जाएगी। संगठन की उपनिदेशक मीनाक्षी शुक्ला ने बताया कि 'चेतना' बच्चों के अधिकारों और उनकी आवश्यकता को लगातार काम करती रहती है और चाहती है राष्ट्रीय स्तर पर इस संबंध में काम किया जाए।
'चेतना' फिलहाल गुजरात में बच्चों के लिए कई कार्यक्रम चला रही है, जिसमें 'बाल मित्र' भी शामिल है। इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को पत्रकार के तौर पर प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे वे स्थानीय स्तर के विकास कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
चेतना की तरह ही 'अखंड ज्योति' नामक एक और गैर सरकारी संगठन भी अहमदाबाद में बच्चों के लिए काम कर रहा है। यह संगठन बच्चों के लिए शैक्षणिक केंद्र चला रहा है, जहां बच्चों को पुस्तकालय की सुविधा भी दी जा रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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