सियाचिन में सैनिकों को फटे-पुराने कपड़े दिए गए :महालेखा परीक्षक
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। दुनिया के सबसे ठंडे युद्धस्थल सियाचिन में जहां लड़ाई के बजाय ठंड से जवानों की मौत अधिक होती है, में तैनात भारतीय सैनिकों को पुराने और मरम्मत किए हुए कपड़े दिए गए हैं। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में यह सनसनीखेज खुलासा किया गया है।
सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना मुख्यालय उचित समय पर सियाचिन जैसे इलाकों के लिए विशेष कपड़े और पर्वतारोहण के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने में विफल रहा। इसके कारण इन सामानों के स्टाक में 44 से 70 प्रतिशत की कमी हो गई।
उल्लेखनीय है कि करीब 23,000 फीट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात सैनिकों को -40 डिग्री सेल्सियस के कम तापमान को झेलना होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन आवश्यक सामानों की कमी से निपटने के लिए सेना ने अनधिकृत कार्रवाई का सहारा लेते हुए सियाचिन ग्लेशियर में तैनात सैनिकों को पुराने कपड़े जारी किए। यह कार्रवाई स्वच्छता आधार, संचालन उपयुक्तता और कुल मिलाकर जवानों के मनोबल के लिए ठीक नहीं है।
पाकिस्तान और चीन से लगे सियाचिन में भारत के 19,800 सैनिक तैनात हैं।
सीएजी के अनुसार ग्लेशियर पर तैनात जवानों की 30 प्रतिशत मांग अभी भी पूरी नहीं की जा सकी है। पुराने कपड़ों के साथ काम चला रहे जवानों में कपड़ों की गुणवत्ता को लेकर भारी असंतोष है।
सीएजी द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार आपूर्ति किए गए कपड़ों की गुणवत्ता और उनकी फिटिंग को लेकर 50 प्रतिशत डिविजनों और रेजिमेंटों में असंतोष है।
सेना में सबसे अधिक असंतोष पतलूनों और कमीजों के बेमेल एवं अनुपयुक्त आकार तथा कपड़ों, जूतों और टोपी की घटिया क्वालिटी को लेकर है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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