अंतरिक्ष का अगुवा बन सकता है चीन
मास्को, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। अंतरिक्ष अनुसंधान के कार्यक्रम में चीन एक बड़ी भूिमका निभाने जा रहा है। जल्द ही एक ऐसा अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र स्थापित हो सकता है जहां चीनी वर्चस्व साफ नजर आएगा।
समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती के मुताबिक गत दो अक्टूबर को ब्रिटेन के ग्लास्गो में आयोजित 59वें 'इंटरनेशनल एस्ट्रोनाटिकल कांग्रेस' में चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के प्रमुख सुन लेयान ने घोषणा की कि चीन एशिया-प्रशांत अंतरिक्ष संगठन(एपीएससीओ) की अगुवाई करने के लिए तैयार है।
दरअसल वर्ष 1992 में चीन, पाकिस्तान, थाईलैंड, ईरान, बांग्लादेश, पेरू और इंडोनेशिया ने एपीएससीओ की स्थापना की थी। बाद में तुर्की भी इसमें शामिल हो गया। निकट भविष्य में अर्जेटीना, फिलीपींस, मलेशिया और यूक्रेन जैसे देश भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
एपीएससीओ में शामिल चीन, पाकिस्तान और ईरान कई मिसाइल कार्यक्रमों को विकसित कर रहे हैं। वहीं इंडोनेशिया और थाईलैंड अपना उपग्रह भी प्रक्षेपित कर चुके हैं।
चीन पहले ही अपने कई अंतरिक्ष अनुसंधानों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है। ऐसे में अगर उसे एपीएससीओ का भी साथ मिल गया तो वह विश्व की अग्रणी अंतरिक्ष शक्ति बन सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।