क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सीमाएं नहीं बदली जा सकती : प्रधानमंत्री

By Staff
Google Oneindia News

श्रीनगर, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ सीमाओं के बदलने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि हालांकि सीमाओं की महत्ता कम करने के लिए प्रयास किए जाने जरूरी हैं।

शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना हमारी नीतियों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। दोनों देशों को आपसी बातचीत के जरिए अपने संबंधों को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के साथ हम अपने संबंधों को सुधारना चाहते हैं। जम्मू कश्मीर समेत सभी विवादास्पद मुद्दों का बातचीत के जरिए हल निकालना चाहिए। अनावश्यक बाधाओं को कम करने की जरूरत है। सीमाओं के महत्व को कम किया जा सकता है और इसे अप्रासंगिक किया जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "पिछले दिनों पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से जब मेरी मुलाकात हुई तो मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया ताकि दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की प्रक्रिया के नये युग की शुरुआत की जा सके।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "लंबे समय तक हम दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। लेकिन अब हवा का रुख बदल रहा है। इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता कि हाल के वर्षो में भारत और पाकिस्तान के संबंधों में सुधार आया है।"

उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि भारत और पाकिस्तान में शांति व विश्वास बनें, इसमें जम्मू-कश्मीर की अहम भूमिका हो। हमें अपने पूर्व को पीछे छोड़ भविष्य की सोचनी चाहिए और एक सुनहरा भविष्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।"

राज्य विधानसभा के आगामी चुनाव के बारे में पूछे जाने पर मनमोहन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि लोकतंत्र में चुनाव से राजनीतिक दलों की प्रसिद्धि का आकलन होता है। हर किसी को चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहिए। सरकार यहां होने वाले चुनावों को निष्पक्ष कराने का प्रयास करेगी।"

अलगाववादियों की त्रिपक्षीय वार्ता की मांग के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे कहना है कि भारत और पाकिस्तान शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं। कश्मीरी जनता के किसी भी विचार या वार्ता का हम विरोध नहीं करते। अलगाववादी समूह सरकार से मिलने को स्वतंत्र हैं। मैंने दो बार इन समूहों के नेताओं से मिल चुका हूं और कई बार तो मैंने एक-एक कर इन नेताओं से मुलाकात की है।"

उन्होंने कहा, "त्रिपक्षीय वार्ता से पहले हमें द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए और उसके परिणाम देख लेने चाहिए। लेकिन मीडिया के माध्यम से अलगाववादियों द्वारा अपनी मांग रखना बिल्कुल अनुचित है और यह बर्दाश्त नहीं है।"

बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठनों पर प्रतिबंधन लगाए जाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक राष्ट्रीय बहस का मुद्दा है।

आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद का खात्मा बेहद जरूरी है लेकिन इसके लिए किसी समुदाय विशेष को आतंकवाद से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X