दिल्ली विस्फोट : अपनों की तलाश में भटकते लोग
नई दिल्ली, 14 (आईएएनएस)। दिल्ली में शनिवार शाम हो हुए बम धमाकों के बाद कई लोग अपने सगे-संबंधियों की तलाश में अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। सभी की दुखद कहानी कुछ अलग जरूर है लेकिन सबका दर्द बिल्कुल एक जैसा है। करोल बाग के गफ्फार मार्केट के नजदीक गली नंबर 42 में रहने वाले राम घायल अवस्था में भी अपनी पत्नी और दो बच्चियों को ढूंढ़ रहे हैं।
राम ने आईएएनएस को बताया, "कुछ लोग मेरी पत्नी कृष्णा और बेटी संतोष को इसी अस्पताल में लेकर आए हैं लेकिन दोनों के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा है।" राम को अपनी पत्नी और बच्ची की तलाश है तो वहीं 22 वर्षीय बबीता के शव के इंतजार में उसका परिवार डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के परिसर में पूरी रात बैठा रहा।
काल सेंटर का कर्मचारी 24 वर्षीय पुनीत कुमार करोलबाग अपने मोबाइल फोन की मरम्मत कराने गया था लेकिन अब वह अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। उसके चाचा पवन गुप्ता ने बताया कि विस्फोट उनके बड़े भाई पूरन चंद की जान चली गई जबकि पुनीत अस्पताल में भर्ती है।
डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डा. एस.के. शर्मा ने कहा कि घायलों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि यहां 69 घायलों को लाया गया था, जिसमें से 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।