राजेश बेताब हैं सहरसा पहुंचने के लिए
नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। राजधानी के मुखर्जीनगर इलाके में रहने वाले राजेश पर जैसे इन दिनों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बिहार के सहरसा जिले के राजेश का गत चार हफ्ते से अपने परिवार वालों से कोई संपर्क नहीं है। दरअसल, कोसी नदी इनके गांव में कहर ढा रही है।
नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। राजधानी के मुखर्जीनगर इलाके में रहने वाले राजेश पर जैसे इन दिनों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बिहार के सहरसा जिले के राजेश का गत चार हफ्ते से अपने परिवार वालों से कोई संपर्क नहीं है। दरअसल, कोसी नदी इनके गांव में कहर ढा रही है।
सहरसा जिले के सोनवर्षा राज प्रखंड के रहने वाले राजेश अपने घर तक पहुंचने के लिए बेताब हैं, लेकिन बाढ़ के कारण रेल सेवा पूरी तरह बाधित होने के कारण वे असहाय हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार राजेश के प्रखंड में अभी तक बाढ़ की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो चुकी है।
दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम कर रहे राजेश ने आईएएनएस को बताया कि गत एक हफ्ते से उनका संपर्क परिजनों से नहीं है। उन्होंने कहा, "कुछ दिन पहले तक मोबाइल से घर बात हो जाती थी, लेकिन अब वह भी नहीं हो पा रहा है। मुझे अपने घरवालों की चिंता है। आखिर वे किस हालत में होंगे?"
नेपाल के कुसहा से निकलकर सुपौल और मधेपुरा को तबाह करने के बाद कोसी अब सहरसा जिले में तांडव मचा रही है। राजेश ने कहा कि उनके प्रखंड क्षेत्र के 21 ग्राम पंचायत बाढ़ से पूर्ण रुप से प्रभावित हैं। राजेश मानसिक रूप से परेशान नजर आते हैं। उन्होंने कहा, "मैं इन दिनों कुछ नहीं कर पा रहा हूं, घर की चिंता सताए जा रही है। मैं काम पर भी नहीं जा पा रहा हूं।"
राजधानी में रोजगार और पढ़ाई कर रहे राजेश जैसे कई लोग इन दिनों असमंजस की स्थिति में हैं। ये लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंच पाने में असमर्थ हैं। अपने घर, आगंन और परिजनों की चिंता ने इन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है। दूसरी ओर बिहार के उत्तर-पूर्वी इलाके को जैसे कोसी नदी अपने आगोश में लेने के लिए बेताब है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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