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नैनो संयंत्र में लगातार तीसरे दिन कामकाज रहा ठप (राउंडअप)

By Staff
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कोलकाता, 1 सितम्बर (आईएएनएस)। टाटा समूह की कंपनी टाटा मोटर्स की महत्वकांक्षी एक लाख रुपये कीमत वाली कार 'नैनो' को तय योजना के मुताबिक अक्टूबर में बाजार में उतरने की संभावना धीरे-धीरे क्षीण होती जा रही है।

पश्चिम बंगाल में सिंगुर स्थित निर्माणाधीन 'नैनो' संयंत्र में सोमवार को लगातार तीसरे दिन कामकाज नहीं हो सका। कंपनी का कहना है कि काम शुरू करने लायक स्थिति फिलहाल नहीं बन पाई है।

टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "परिस्थितियां आज (सोमवार को) काम शुरू करने के अनुकूल नहीं थी। हम हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं।"

टाटा मोटर्स के कार्यकारियों ने आज कहा कि धरना प्रदर्शन के जारी रहने की वजह से नैनो को निर्धारित समय यानी इस वर्ष अक्टूबर में बाजार में उतारे जाने की योजना पर सवालिया निशान लग गया है।

यह परियोजना पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी वाम मोर्चा और विपक्ष तृणमूल कांग्रेस के बीच रस्साकशी का शिकार हो गई लगती है। रविवार को राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी और विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने दोनों पक्षों को आपसी सहमति से इस मसले का हल निकालने की सलाह दी थी, लेकिन मसला सुलझने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।

मुखर्जी ने कोलकाता में रविवार को संवाददाताओं से कहा, "सिंगुर मसला सबों के लिए गंभीर समस्या बन गई है। लेकिन यदि सिंगुर स्थित टाटा मोटर्स के नैनो संयंत्र से उत्पादन शुरू हो जाता है, तो यह पश्चिम बंगाल के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।"

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के मामले में टिप्पणी या हस्तक्षेप करना नहीं चाहती। राज्य सरकार और टाटा को आपसी सहमति से समस्या का हल निकाल लेना चाहिए। हम यही कह सकते हैं कि खाद्य उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ औद्योगीकरण भी होने दें।

गांधी ने ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने उनसे कहा था कि वे नैनो संयंत्र के मसले पर उठे विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार के साथ बातचीत करें। पत्र में उन्होंने कहा था कि ऐसा कोई मुद्दा नहीं है, जिसका हल बातचीत के जरिए नहीं निकाला जा सकता।

तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में फैक्ट्री स्थल पर अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन की वजह से शुक्रवार और शनिवार को भी नैनो संयंत्र में काम ठप रहा था। प्रदर्शनकारी निर्माणाधीन संयंत्र के लिए अधिगृहीत चार सौ एकड़ अतिरिक्त जमीन किसानों को लौटाए जाने की मांग कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य का कहना है कि किसानों को चार सौ एकड़ जमीन लौटाए जाने का अर्थ पूरी परियोजना वापस लेना होगा, जो संभव नहीं है।

बहरहाल पिछले एक सप्ताह से बंद पड़ा दुर्गापुर एक्सप्रेस वे आज खुल गया। यह एक्सप्रेस वे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 का हिस्सा है, जो कोलकाता और दिल्ली को जोड़ता है।

प्रदर्शनकारियों ने यह एक्सप्रेस वे जाम कर रखा था, लेकिन हुगली जिले के पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्र की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रदर्शनकारी हटने पर सहमत हो गए।

इससे पहले शनिवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियोंे ने भी दुर्गापुर एक्सप्रेसवे से अवरोध हटाने के लिए तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की थी।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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