उड़ीसा में हिंसा जारी, दो और लोग मारे गए (लीड-1)
भुवनेश्वर, 1 सितम्बर (आईएएनएस)। उड़ीसा में पिछले महीने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की केंद्रीय समिति के सदस्य स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती समेत पांच लोगों की हत्या के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की संख्या 16 हो गई है।
कर्फ्यू के बावजूद सोमवार को भड़की हिंसा में कंधमाल जिले में दो और लागे मारे गए और ईसाई समुदाय के कई घरों व गिरिजाघरों को जला दिया गया। राज्य के 11 जिलों में हिंसा की यह आग फैल गई है।
ईसाई समुदाय के लोगों की संपत्तियों को भी निशाना बनाया जा रहा है। प्रभावित इलाकों में रहने वाले इस समुदाय के लोगों ने राहत शिविरों में पनाह ली हुई है या फिर जंगलों में छिपे हुए हैं। इस कारण प्रशासन ने प्रभावित जिलों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। साथ ही राहत कार्यो में भी तेजी लाई गई है।
अधिकारियों के मुताबिक कम से कम 543 घरों व 17 पूजा स्थलों को जलाया गया है। जबकि सूत्रों का कहना है कि यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
कंधमाल के जिलाधिकारी कृष्ण कुमार ने आईएएनएस को बताया, "पहले सात राहत शिविर लगाए गए थे। लेकिन आज हमने दो और राहत शिविर खोले हैं।" कम से कम 13500 लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है।
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप कपूर ने आईएएनएस को बताया, "23 अगस्त से राज्य के छह जिलों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, लेकिन अब तीन और जिलों में सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा।"
हालांकि कपूर ने उन जिलों के नाम का खुलासा नहीं किया, जहां सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा। राज्य के बोलानगीर, बारगढ़, कंधमाल, गजापति, गंजाम, कोरापुट, रायगढ़, भद्रक और केंद्रपाड़ा जिले में पूर्व से ही सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
राज्य में अभी तक सांप्रदायिक हिंसा में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। हिसक घटनाओं के मद्देनजर कंधमाल जिले के सभी प्रमुख शहरों और कोरापुट जिले के जयपोर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
कपूर ने बताया कि अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरापुट जिले के बोरीगुमा इलाके और रायगढ़ जिले में रविवार को छह गिरिजाघरों और कुछ घरों को आग के हवाले कर दिया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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