ऊंचाई पर पहुंचकर भी जमीन पर हैं विजेंदर के पैर
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद मुक्केबाज विजेंदर कुमार की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। मॉडल सरीखे दिखने वाले विजेंदर अचानक ही मीडिया के चहेते बन गए हैं। हालांकि इसके बावजूद हरियाणा के छोटे से शहर भिवानी के इस होनहार के पैर जमीन पर हैं और जुबां पर बार-बार यही बात आती है कि बदलाव की आंधी उन्हें उड़ा नहीं सकती।
विजेंदर ने कहा, "मैं वही विजेंदर हूं, जो ओलंपिक पदक जीतने से पहले था। मेरे इर्दगिर्द बदलाव की हवा बह रही है, लेकिन यह हवा मुझे तनिक भी प्रभावित नहीं कर सकती। मेरे पैर जमीन पर हैं।"
विजेंदर ने कहा कि मुक्केबाजी हमेशा उनकी प्राथमिकता रहेगी क्योंकि इसी से उन्हें पहचान मिली है।
विजेंदर ने कहा, "मैं विज्ञापन करार या फिर किसी अन्य चीज के लिए अपने खेल को हरगिज प्रभावित नहीं होने दूंगा। आज मुझे विज्ञापन सिर्फ इसलिए मिल रहे हैं क्योंकि मैं खेल में सफल हूं। मुक्केबाजी मेरी पहचान है और मैं बतौर मुक्केबाज रोज कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करूंगा।"
विजेंदर ने आशा जताई कि ओलंपिक में उनके प्रदर्शन के कारण मुक्केबाजी में युवाओं की रुचि बढ़ेगी। उन्होंने कहा, "बीजिंग में हम मुक्केबाजों ने बढ़िया प्रदर्शन किया। इसका फायदा आने वाले दिनों में दिखेगा, जब ज्यादा से ज्यादा युवा इस खेल की तरफ रुख करेंगे।"
विजेंदर ने कहा कि वे ऐसी किसी चीज का विज्ञापन नहीं करेंगे, जिसका युवाओं के मन या सेहत पर खराब असर पड़ता हो। उन्होंने कहा, "मैं शराब और सिगरेट के विज्ञापन नहीं करूंगा। आज का युवा मेरी ओर देख रहा है, ऐसे में मैं उसकी भलाई के लिए कम से कम ऐसे विज्ञापन बिल्कुल नहीं करूंगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।