नेपाल को महंगी पड़ी प्रचंड की चीन यात्रा
काठमांडू, 28 अगस्त (आईएएनएस)। नेपाल के प्रथम माओवादी प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड की चीन यात्रा आर्थिक परेशानियों से घिरे नेपाल के लिए महंगी साबित हुई है। इसकी वजह से उसे वित्तीय, आर्थिक एवं कूटनीतिक सभी तरह के नुकसान उठाने पड़े हैं।
काठमांडू, 28 अगस्त (आईएएनएस)। नेपाल के प्रथम माओवादी प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड की चीन यात्रा आर्थिक परेशानियों से घिरे नेपाल के लिए महंगी साबित हुई है। इसकी वजह से उसे वित्तीय, आर्थिक एवं कूटनीतिक सभी तरह के नुकसान उठाने पड़े हैं।
बुधवार को स्वदेश लौटे माओवादी नेता चीन से बाढ़ राहत के लिए मात्र तीन लाख डालर की सहायता ही अर्जित कर पाए और उन्होंने अपना कद भी छोटा किया। यही नहीं अगर वे बाढ़ के संबंध में भारत से कोई बात करते हैं तो इसका असर उस पर भी पड़ेगा।
शनिवार को ओलंपिक खेलों के समापन समारोह के अवसर पर प्रचंड के नेतृत्व में11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बीजिंग की अनौपचारिक यात्रा पर गया था।
क्रांतिकारी नेता को नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा सबसे पहले भारत यात्रा करने की परंपरा तोड़ता देख, चीन प्रशासन को प्रसन्नता तो अवश्य हुई, लेकिन उसने उन्हें ज्यादा अहमियत फिर भी नहीं दी।
जून 2006 में गिरिजाप्रसाद कोइराला प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के तत्काल बाद भारत यात्रा पर गए थे। हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी, जो बहुत गौरव की बात थी।
उनकी यात्रा के समापन पर भारत ने नेपाल के साथ एक साझा बयान भी जारी किया था और नेपाल को 15 अरब नेपाली रुपये का आर्थिक पैकेज देने की प्रतिबद्धता भी जताई थी।
इसके विपरीत चीन में प्रचंड की अगवानी एक उप मंत्री ने की और चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ के साथ उनकी बहु प्रचारित वार्ता का भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।