मध्यप्रदेश में 'डैमेज कंट्रोल' में जुटी कांग्रेस
भोपाल, 28 अगस्त (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी को एकजुट करने के लिए कांग्रेस द्वारा छिंदवाड़ा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में अगले मुख्यमंत्री के लिए उछले केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के नाम ने पार्टी के भीतर हलचल मचा दी है। पार्टी की नीति के विरूद्ध चुनाव से पहले ही नेता के नाम पर छिड़ गई बहस से संभावित नुकसान को नियंत्रित करने के प्रयास तेज हो गए हैं। इसकी कमान संभाली हैं प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय मंत्री वी़ नारायण सामी ने।
पार्टी को लगता है कि चुनाव के पहले ही नेता के नाम का खुलासा किए जाने से नुकसान हो सकता है। यह बात एंटनी कमेटी की सिफारिशों में भी कही गई है। छिंदवाड़ा के सम्मेलन में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष यादव द्वारा संभावित मुख्यमंत्री के तौर पर केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ का नाम लेने और उस पर महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा सहमति जताए जाने के बाद कांग्रेस के अंदर द्वंद्व शुरू हो गया है। बीते रोज मालवा में केंद्रीय राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा संभावित नेता के नाम को नकारे जाने से पार्टी के भीतर की स्थिति के संकेत मिलने लगे हैं।
संभावित नुकसान को कैसे रोका जाए इसकी कोशिशें नारायण सामी ने तेज कर दी है। वे भी छिंदवाड़ा की सभा में चुनाव से पहले नेता का नाम उभरने को लेकर चिंतित हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सम्मेलन से कुछ देर पहले ही हुए संवाददाता सम्मेलन में नेता का चयन विधायक और उस पर अंतिम मोहर पार्टी अध्यक्ष की लगने की बात कही गई और परंपरा का हवाला दिया गया था। सामी कहते हैं कि वे सुभाष यादव से जवाब मांगेंगे कि उन्होंने सम्मेलन में यह मुद्दा क्यों उठाया।
बुधवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान नारायण सामी द्वारा कही बातों से राजनैतिक मायने यही निकाले जा रहे हैं कि छिंदवाड़ा सम्मेलन से पार्टी को फायदा कितना होगा यह कोई नहीं जानता मगर नुकसान अभी से नजर आने लगा है। यही वजह है कि पार्टी इस संभावित नुकसान को रोकना चाहती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।