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वाराणसी में दो गुटों में चाकूबाजी, 6 घायल

By Staff
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वाराणसी, 28 अगस्त (आईएएनएस)। वाराणसी के नरिया क्षेत्र में आज उस समय अफरा तफरी मच गयी जब एक ही वर्ग के दो गुटों में अचानक मारपीट और चाकूबाजी शुरू हो गयी। इस संघर्ष में छह लोग घायल हो गए। चाकूबाजी के बाद दोनों तरफ भीड़ इकट्ठी हो गई और भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी, जिसमें कुछ लोगों को हल्की फुल्की चोटें आयीं।

नरिया क्षेत्र में अचानक हुई इस वारदात से पूरे क्षेत्र में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया और अफरा-तफरी से दहशत का माहौल पैदा हो गया।

क्षेत्रीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार नरिया क्षेत्र की दो मुस्लिम बस्तियों में रहने वाले युवकों में छेड़खानी के विवाद को लेकर पहले से ही रंजिश थी। आज सुबह नौ बजे रोहितनगर बस्ती के अलाउद्दीन, फिरोज अली, मो. हबीब व इश्तियाक नामक युवक नरिया में स्थित शेख नुरूद्दीन शहीद की मजार पर फातिहा पढ़ने गये थे।

फातिहा पढ़कर वे बाहर निकले तभी दूसरी बस्ती के आधा दर्जन युवकों ने उन पर हमला बोल दिया। हमलावरों ने पहले तो उनकी लात घूंसों से पिटाई की फिर बाद में देशी तमंचे और चाकुओं से भी प्रहार किया। बचाव में युवकों ने पत्थर चलाये और भागकर अपनी बस्ती में जाकर छिप गये।

इसके बाद हमलावर युवकों ने अपने और साथियों को लेकर बस्ती में हमला बोल दिया। जिसमें बस्ती की महिलाओं को दौड़ाकर पीटा गया। दोनों बस्तियों के बीच होने वाले पथराव और दौड़ भाग से आने जाने वाले लोगों में दो समुदायों के बीच झगड़े की अफवाह फैलती रही। जिससे कुछ देर के लिए पूरे क्षेत्र में भगदड़ सी मच गयी। इस पथराव और भगदड़ में रेहाना व नफीस नामक महिलाओं को ज्यादा चोटें आयीं।

हमलावरों के जाने के बाद बस्ती के लोगों ने जिसमें महिलायें भी शामिल रहीं, नरिया की मुख्य सड़क को जाम कर दिया। आनन फानन में लंका थाने की पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उसने हिंदू विश्वविद्यालय में ड्यूटी कर लौट रहे सफाईकर्मी रिजवान अली को पकड़ लिया और जीप में बैठाकर थाने भेज दिया। इससे सड़क जाम किये लोगों का गुस्सा भड़क उठा।

जबर्दस्त नारेबाजी के बीच पुलिस पर पथराव से स्थिति बिगड़ गयी। घायल रेहाना ने बताया कि हमला करने वालों के पास हथियार भी थे जिसका उन लोगों ने लगभग एक घंटे तक डटकर मुकाबला किया। लेकिन पुलिस तब पहुंची जब वे लोग जा चुके थे।

नफीसा बेगम ने बताया कि पुलिस ज्यादती की हद तब हो गयी जब उसने निर्दोष को ही पकड़ लिया। भीड़ के उग्र तेवर को देखते हुये पुलिस को लाठीचर्ज भी करना पड़ा। घटना के संबंध में लंका थानाध्यक्ष अशोक वर्मा ने बताया कि लाठीचार्ज नहीं किया गया है लेकिन जाम लगाने वाली भीड़ को काबू में करने के लिए हल्का बल प्रयोग जरूर करना पड़ा। उन्होंने बताया कि जो भी इसमें दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। क्षेत्र में व्याप्त तनाव को देखते हुये पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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