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बीजिंग ओलंपिक : विजेंदर ने जीता कांस्य, रिले टीम ने किया निराश (राउंडअप)

By Staff
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बीजिंग, 22 अगस्त (आईएएनएस)। मुक्केबाज विजेंदर कुमार शुक्रवार को भारत को मुक्केबाजी का पहला कांस्य पदक दिलाने में सफल रहे, लेकिन ओलंपिक की आखिरी स्पर्धा में भारत की चुनौती पेश कर रही महिला रिले टीम फाइनल में भी स्थान नहीं बना सकी।

महिला रिले टीम के बाहर होने के साथ बीजिंग ओलंपिक में भारत की चुनौती पूरी तरह समाप्त हो गई। एथलेटिक्स में भारत का एक भी खिलाड़ी फाइनल में जगह नहीं बना सका।

दूसरी ओर, क्यूबा के एमिलियो कोरिया बेयोक्स जूनियर के हाथों मिली हार के बाद भी विजेंदर इतिहास रचने में सफल रहे। अपनी शानदार सफलता के माध्यम से विजेंदर ने भारत को पहली बार मुक्केबाजी में पदक दिलाया।

भारत के 108 साल पुराने ओलंपिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब कोई मुक्केबाज सेमीफाइनल में पहुंचा और कांस्य पदक जीतने में सफल रहा। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस सफलता के लिए विजेंदर को बधाई दी।

बीजिंग में जब विजेंदर का मुकाबला चल रहा था, तब विजेंदर का गृहनगर भिवानी मानो थम सा गया था। विजेंदर और बेयोक्स के बीच मुकाबला तो बीजिंग में हो रहा था, लेकिन वहां से हजारों किलोमीटर दूर हरियाणा के छोटे से शहर भिवानी में हर शख्स अपने-अपने टीवी सेट से चिपका हुआ था।

विजेंदर के घर के बाहर तो मानो लोगों का रेला लगा हुआ था। शहर के बाहरी छोर पर स्थित उनके गांव कालूवास में इस ऐतिहासिक मुकाबले को देखने के लिए विशाल प्रजेक्शन स्क्रीन लगाई गई थी। विजेंदर के साथियों ने कहा कि उनका दोस्त हार गया तो क्या हुआ, उसने देश के लिए कांस्य पदक तो जीत ही लिया। यह अपने आप में एक महान घटना है।

मुकाबले की बात करें तो विजेंदर ने काफी रक्षात्मक होकर शुरुआत की। इसका नतीजा हुआ कि बेयोक्स पहले ही दौर में दो अंकों की बढ़त बनाने में सफल रहे। दूसरे दौर में भी बेयोक्स ने दो अंक बटोरे, लेकिन इस दौर में विजेंदर ने भी अपने मुक्कों का जलवा बिखरते हुए स्कोर 3-4 कर लिया। यही वो दौर था, जिसमें विजेंदर ने अपना असल खेल दिखाया।

तीसरा राउंड बेयोक्स के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। इस दौर में विजेंदर एक भी अंक नहीं हासिल कर सके, जबकि बेयोक्स ने तीन अंक अपने खाते में डाले। इस दौर के बाद बेयोक्स स्कोर 7-3 से आगे चल रहे थे।

चौथे राउंड में विजेंदर ने भरपूर कोशिश की। इस दौर में बेयोक्स के फाउल के कारण विजेंदर को दो अतिरिक्त अंक भी मिले, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आखिर के 40 सेकेंड में बेयोक्स ने एक अंक और बटोर लिया। इस अंक की बदौलत बेयोक्स यह मुकाबला 8-5 से जीत गए।

भारतीय टीम के कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हमें दुखी होना चाहिए। हां, हमने उम्मीद की थी कि वह जीतेगा और यह सचमुच नजदीकी मुकाबला था। हम यहां पांच मुक्केबाजों के साथ आए थे उनमें से तीन अंतिम आठ तक पहुंचे।"

विजेंदर इस हार से बिल्कुल निराश नहीं हुए। उन्होंने एक आला दर्जे के पेशेवर खिलाड़ी की तरह हार से सबक लेते हुए अगले ओलंपिक में बेयोस्क को हराने का वादा किया। विजेंदर ने कहा, "यह अलग बात है कि मैं हार गया, लेकिन 2012 में लंदन में होने वाले अगले ओलंपिक में मैं बेयोक्स से इस हार का बदला लूंगा और भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर लौटूंगा।"

उधर, महिला रिले टीम 4 गुना 400 मीटर दौड़ के फाइनल में स्थान नहीं बना सकी। भारतीय टीम में शामिल गीता सेठी, मनजीत कौर, चित्रा सोमन और मनदीप कौर ने 3 मिनट 28.83 सेकेंड में यह दूरी नापी, लेकिन वे फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकीं।

भारतीय टीम सिर्फ जापान से बेहतर समय निकाल सकी। एथेंस ओलंपिक में सातवें स्थान पर रही इस टीम ने काफी निराश किया। स्पर्धा का फाइनल शनिवार को रूस, क्यूबा, ब्रिटेन, अमेरिका, जमैका और बेलारूस के बीच होगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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