अलग अंदाज में मनी उस्ताद की बरसी, डाक टिकट हुआ जारी (लीड-1)
मुंबई / नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। शहनाई उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की दूसरी बरसी पर उनकी मानस पुत्री सोमा घोष ने उन्हें अलग अंदाज में याद किया। उन्होंने इस मौके को युवाओं में शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने के प्रयास के रूप में इस्तेमाल किया। उधर, राजधानी नई दिल्ली में प्रधानमंत्री ने उस्ताद की याद में डाक टिकट जारी किया।
भारतीय शास्त्रीय संगीत के बनारस घराने की सुप्रसिद्ध गायिका सोमा ने गुरुवार को उस्ताद की स्मृति में 'याद-ए-बिस्मिल्लाह' नामक संगीत समारोह का आयोजन किया था। इस मौके पर उन्होंने उस्ताद की चंद पसंदीदा कजरियां भी गाईं। कजरियों के अलावा सोमा ने कुछ खयाल और गजलें भीं गाईं। उनकी गायकी पर साजिंदों ने सुरबहार, तारशहनाई, सुंदरी, पखावज ओर खोल जैसे साजों के साथ संगत दी जबकि उस्ताद के बेटे नाजिम हुसैन ने तबले पर उनका साथ दिया।
इस अवसर पर सोमा ने कहा, "अब्बा सोचते थे कि लोग शास्त्रीय संगीत से दूर होकर पॉप संगीत की ओर रुख कर रहे हैं। वे नई पीढ़ी के समक्ष शास्त्रीय संगीत को आगे बढ़ाना चाहते थे। उनकी इच्छा पूरी करने के लिए ही मैं शास्त्रीय संगीत और पुराने साजों के बारे में जागरुकता फैला रही हूं। "
कार्यक्रम के दौरान उस्ताद बिस्मिल्लाह खान और उनके गुरू अलीबख्श के बीच के गुरु-शिष्य संबंधों पर 40 मिनट की एक नाटिका भी दिखाई गई।
राजधानी नई दिल्ली में प्रधानमंत्री डा.मनमोहन सिंह ने उस्ताद की दूसरी बरसी पर डाक टिकट जारी किया। डाक विभाग द्वारा उस्ताद को श्रद्धांजलि स्वरूप जारी किए गए इस डाक टिकट का मूल्य पांच रुपये है।
प्रधानमंत्री ने डाक टिकट जारी करते हुए कहा कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान विरासत भारत की साझा संस्कृति के अभिन्न अंग है और यह आने वाली अनेक पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। उनका संगीत अमर है और धर्म, जाति, भाषा व देश की सीमाओं के पार भी लोकप्रिय है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चन्द लोग चाहे जितना प्रयास कर लें, भारतीय मस्तिष्क के खुलेपन को अवरुद्ध नहीं कर सकते। बिस्मिल्लाह खान और उन जैसे लोगों द्वारा पल्लवित और पुष्पित भारतीय जीवन पद्धति जीवंत रहेगी और अन्य लोगों को प्रोत्साहित करती रहेगी।
इस अवसर पर संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ए.राजा ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को असाधारण प्रतिभाशाली व्यक्ति बताते हुए कहा कि आम आदमी को अपने संगीत के प्रति आकर्षित करने की उनकी योग्यता बेमिसाल थी।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बिस्मिल्लाह खान को भारत की धार्मिक बहुलता और विभिन्न मतावलम्बियों के मेलमिलाप का सर्वोत्तम प्रतीक बताया। उल्लेखनीय है कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को वर्ष 2001 में देश के सर्वोत्तम नागरिक उपाधि भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनका 90 वर्ष की आयु में 21 अगस्त, 2006 को देहांत हो गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।